यूपी में फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, लोको पायलट की समझदारी से टले दो बड़े हादसे, जानें

यूपी में ट्रेन हादसे के लिए फिर साजिश की गई, इस बार एक नहीं बल्कि दो जगह ऐसी थी जहां ट्रेन साजिश का शिकार होते-होते बची।

Update: 2024-09-29 03:40 GMT

देश में अलग-अलग इलाकों में लगातार ट्रेन हादसे का शिकार हो रही हैं। कई बार इसमें प्रशासन की लापरवाही देखी गई तो कई बार ट्रेन साजिश का शिकार हुई। हालांकि कई बार लोको पायलट और रेल कर्मियों की चतुराई से हादसे को टाला भी जा सका। एक बार फिर उत्तर प्रदेश में ट्रेन हादसे की साजिश की गई, इस बार एक नहीं बल्कि दो जगह ऐसी थी जहां ट्रेन साजिश का शिकार होते-होते बची। इसके पहले भी यूपी के अलग अलग जिलों में रेल पटरियों पर गैस सिलिंडर, लोहे का सरिया, पेड़ की डाल जैसी चीजें रखनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

लोको पायलट ने दिखाई सूझ बूझ 

बलिया जिले के रेलवे ट्रैक पर पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े रखे गए थे। जिससे लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस का इंजन टकरा गया। वहीं मिर्जापुर के जिवनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास रेल ट्रैक के बीचो-बीच अग्निशमन यंत्र पाया गया। दोनों ही हादसों में लोको पायलट की सूझबूझ काम आई और बड़े हादसे होते होते टल गए।

पटरी में रखा मिला बड़ा पत्थर

बकुलहा-मांझी रेलवे स्टेशन के बीच मांझी पुल से करीब 300 मीटर पहले पटरी में पत्थर के टुकड़े दिखे, जिसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। ट्रेन की रफ़्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा थी इसी कारण पत्थर सेफ्टी गार्ड से टकराकर कई टुकड़े में बट गया। ट्रेन की सेफ्टी चेक होने के बाद वह छपरा स्टेशन के लिए रवाना हुई। बलिया व छपरा की आरपीएफ टीम के साथ ही आरपीएफ क्राइम ब्रांच छपरा व पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जांच की। 

ट्रेन पटरी में रखा मिला अग्निशमन यंत्र 

मिर्जापुर से पीडीडीयू जंक्शन के एक मालगाड़ी जा रही थी। तभी जिवनाथपुर स्टेशन के पास पटरियों में अग्निशमन यंत्र दिखा। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। मौके पर आरपीएफ की टीम पहुंची और अग्निशमन यंत्र को कब्जे में ले लिया। तब जाकर एक बार फिर मालगाड़ी आगे रवाना हुई।

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