अब यूनाइटेड पेंशन स्कीम की बारी: OPS, NPS से कैसे अलग है UPS? जानिए इनसे जुड़े हर सवाल का जवाब
How is UPS different from OPS and NPS : केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के वादे का तोड़ यूनाइटेड पेंशन स्कीम से निकाल लिया गया है। कैबिनेट ने यूनाइटेड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। अब सवाल उठता है कि, OPS और NPS क्या है ? केंद्र सरकार द्वारा मंजूर की गई यूनाइटेड पेंशन स्कीम कैसे OPS और NPS से अलग है। इस खबर में पढ़िए हर सवाल का जवाब।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है ?
ओल्ड पेंशन स्कीम या OPS रिटायरमेंट के बाद आजीवन आय सुनिश्चित करती है। OPS के तहत कर्मचारियों को पूर्व-निर्धारित फॉर्मूले के तहत पेंशन मिलती थी। आसान भाषा में समझें तो किसी कर्मचारी द्वारा उसकी सेवा का कार्यकाल पूरा होने पर आखिरी महीने में जो वेतन मिलता था उसका 50 परसेंट कर्मचारी को रिटायर होने पर पेंशन के रूप में मिलती थी।
ओपीएस में एक साल में दो बार महंगाई राहत (DR) का लाभ मिलता था। इस पेंशन स्कीम में भुगतान तय था और वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी। पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करती थी। एनडीए सरकार ने 2004 से इस स्कीम को बंद कर दिया था। अब सरकारी कर्मचारी (केंद्र या राज्य) जो 1 जनवरी, 2004 से पहले सेवा में शामिल हुए हैं, वे ही OPS के लिए पात्र हैं।
न्यू पेंशन स्कीम क्या है ?
ओल्ड पेंशन स्कीम सरकार पर अधिक वित्तीय भार डालता है। यह कहते हुए न्यू पेंशन स्कीम लाइ गई। एनडीए सरकार ने जनवरी 2004 से इसे लागू कर दिया।
न्यू पेंशन स्कीम क्यों ?
साल1998 में, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वृद्धावस्था सामाजिक और आय सुरक्षा (OASIS) के लिए एक रिपोर्ट तैयार की। एक विशेषज्ञ समिति ने जनवरी 2000 में रिपोर्ट प्रस्तुत की। OASIS का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को लक्षित करना था, जिनके पास ओल्ड ऐज इनकम सुरक्षा नहीं थी। OASIS रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि व्यक्ति तीन प्रकार के फंडों में निवेश कर सकते हैं - सुरक्षित, संतुलित और विकास - जिन्हें छह फंड मैनेजरों द्वारा शुरू किया जाना था। इसी के आधार पर उन्हें ओल्ड ऐज इनकम सुरक्षा दी जाती।
इस समिति के आधार पर ही ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम लागू किया गया। जनवरी 2004 से (सशस्त्र बलों को छोड़कर) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरुआत की गई।
2018-19 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए योजना में बदलाव को मंजूरी दी।
एनपीएस को सरकार द्वारा पेंशन देनदारियों से छुटकारा पाने के एक तरीके के रूप में लॉन्च किया गया था। 2000 के दशक की शुरुआत के शोध के अनुसार, भारत का पेंशन ऋण बेकाबू स्तर पर पहुंच रहा था। एनपीएस के तहत सेवानिवृत्ति के बाद वे पेंशन राशि का एक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं और बाकी का उपयोग नियमित आय के लिए वार्षिकी खरीदने में कर सकते हैं।
एनपीएस, भारत के सभी नागरिकों (NRI सहित) को एनपीएस में शामिल होने की अनुमति देता है, जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच है। यह एक सहभागी योजना है, जहां कर्मचारी अपनी आय से पेंशन कोष में योगदान करते हैं। इसमें सरकार भी योगदान देती है। फिर इस राशि को पेंशन फंड मैनेजर्स के माध्यम से निर्धारित निवेश योजनाओं में निवेश किया जाता है।
NPS के प्रमुख प्रावधान :
एनपीएस में, सरकार द्वारा नियोजित लोग अपने मूल वेतन का 10% NPS में योगदान करते हैं, जबकि उनके नियोक्ता 14% तक योगदान करते हैं।
2019 में, वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दो विकल्प दिए थे। वे पेंशन फंड (पीएफ) और निवेश पैटर्न चुन सकते थे।रिटायरमेंट के समय, वे फंड का 60% निकाल सकते हैं, जो टैक्स फ्री है और बाकी 40% वार्षिकी में निवेश किया जा सकता है, जिस पर टैक्स लगता है। निजी व्यक्ति भी इस योजना का विकल्प चुन सकते हैं।
NPS के साथ परेशानी क्या थी ?
ओपीएस से इतर, एनपीएस में कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ मूल वेतन का 10% जमा करने की आवश्यकता होती है। इसमें पेंशन की राशि भी तय नहीं है। इस योजना के साथ प्रमुख मुद्दा यह है कि यह बाजार से जुड़ा और रिटर्न-आधारित है। सरल शब्दों में, भुगतान अनिश्चित है।
अब यूनाइटेड पेंशन स्कीम की बारी :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त को एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी है। लंबे समय से विपक्ष द्वारा न्यू पेंशन स्कीम की खामियों को उजागर करके ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की जा रही थी। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए UPS को मंजूरी दी है।
UPS, OPS और NPS से अलग कैसे :
सुनिश्चित पेंशन - 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होना चाहिए।
सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन - कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60% परिवार को दिया जाएगा।
सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन - कर्मचारी को न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 प्रति माह दिए जाएंगे।
मुद्रास्फीति सूचकांक: सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर मुद्रास्फीति सूचकांक का समायोजन होगा ।
सेवा कर्मचारियों के मामले में औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत।
ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा मिलेगा। इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी।