मप्र में कांग्रेस इस बार नहीं जीती तो 50 साल तक सत्ता में नहीं आ सकेगी, सोनिया गांधी चिंतित
डरे कांग्रेसी अपनी अकड़ छोड़कर हुए एकजुट
नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। 'इस बार नहीं जीते तो अगले 50 साल तक नहीं जीतेंगे' के डर से मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की अकड़ ढ़ीली पड़ने लगी है। पहले अकड़े हुए थे तो जनता कहने लगी थी कि ये सब एकजुट ही नहीं होंगे तो जीतेंगे कैसे। ये तो जीतना ही नहीं चाहते हैं। ये तो आपस में ही लड़कर एक दूसरे को निपटाना चाहते हैं। इससे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी भी चिंतित हो गई थीं।
सूत्रों के मुताबिक जब राहुल गांधी की तमाम कोशिश के बावजूद मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं की आपसी तनातनी खत्म नहीं हो रही थी। अंत में सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों को अलग – अलग बुलाकर अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया । वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति का हवाला दिया। उसके बाद दिग्विजय, सिंधिया, कमलनाथ, अजय सिंह राहुल आदि सब मिलकर चुनावी मुहिम को गति देने के लिए जुट गये।
इस बारे में म.प्र. के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश मेहरोत्रा का कहना है कि कांग्रेसी नेताओं को चुनावी आईने में साफ दिखने लगा है कि यदि इस बार म.प्र. विधानसभा चुनाव नहीं जीते तो अगले 50 वर्ष तक सत्ता में नहीं आ पाएंगे। म.प्र. की हालत भी उ.प्र. और बिहार वाली हो जायेगी। इसी डर से कांग्रेस ने इस बार टिकट बंटवारा लगभग ठीक ही किया है। अब बड़े कांग्रेसी नेता कुछ हद तक अपना मतभेद भुलाकर एकजुट हो कर भाजपा के विरूद्ध लड़ रहे हैं। इसमें दिग्विजय सिंह का योगदान है। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा यात्रा करके माहौल बनाया है उसका लाभ कांग्रेस को मिल रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और अजय सिंह राहुल ने भी अपने – अपने प्रभाव क्षेत्र में कड़ी मेहनत की है। इसके चलते भाजपा को कांग्रेस कड़ी टक्कर देने के प्रयास में लगी है।
इस बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि कहने वाले चाहे जो कहें , असलियत यह है कि भाजपा जीत रही है और पूर्ण बहुमत से सरकार बनायेगी। आप चुनाव परिणाम आने के बाद देख लीजिएगा। भाजपा सांसद लालसिंह बड़ोदिया भी म.प्र. में पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लड़ाई चुनौतीपूर्ण है , लेकिन सरकार भाजपा की ही बनेगी। (हि.स)