BoycottPhonePe: सोशल मीडिया पर क्यों उठा #BoycottPhonePe का मुद्दा, घेरे में आई कर्नाट्क सरकार

सोशल मीडिया पर एक बार फिर BoycottPhonePe ट्रेंड होने लगा, इसके पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि कर्नाटक सरकार है। मसला यह है। PhonePe Online payment app के सीईओ ने अभिव्यक्ति की आजादी का राग छेड़ दिया है।

Update: 2024-07-19 10:41 GMT

BoycottPhonePe: दुनिया भर में कई ब्रॉडकास्टिंग कंपनियां आज बंद हो गई। ABC NEWS ऑफ एयर चला गया, हवाई अड्डों पर हवाई जहाज अपनी पंखों से उड़ान भरने के लिए बेताब थे। मगर ऐसा लग रहा था की किसी ने उनके पंखों से उनकी उड़ान किसी ने छीन ली हो,  पूरी दूनिया एका एक थम सी गई, मानो की किसी ने सभी पैरों को बर्फ की सिल्लियों के बीच जमा दिया हो। लोगों के निजी कंप्यूटरों की स्क्रीन ब्लू हो गई। जिसे बाद में स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) का नाम दिया गया।

मगर इसी बीच एक और विवाद सामने आया है। जहां सोशल मीडिया पर एक बार फिर BoycottPhonePe ट्रेंड होने लगा, इसके पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि कर्नाटक सरकार है। मसला यह है। PhonePe Online payment app के सीईओ ने अभिव्यक्ति की आजादी का राग छेड़ दिया है और यह अभिव्यक्ति की आजादी का राग कर्नाटक सरकार के गले की फांस बन गया है।

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने राज्य के स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण का नियम लागू किया था जिसके बाद फोन पे के सीईओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर Sameer Nigam ने लिखा कि मेरी उम्र करीब 46 साल की हो चुकी है और मैने कई अलग- अलग राज्यों का विचरण कर चुका हूं। मैं किसी राज्य में 15 साल से ज़्यादा समय तक नहीं रह पाया। मेरे पिता भारतीय नौसेना में काम करते थे।

मेरे पिता की पोस्टिंग समूचे देश के अलग अलग इलाकों में हुई उनके बच्चे कर्नाटक में नौकरी के लायक नहीं हैं? मैं कंपनियाँ बनाता हूँ। पूरे भारत में 30,000 से ज़्यादा नौकरियाँ पैदा की हैं। मेरे बच्चे अपने गृह नगर में नौकरी के लायक नहीं हैं? शर्म की बात है। समीर निगम कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में रहते हैं और यहीं पर PhonePe का हेड क्वार्टर है। और इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर PhonePe को BoycottPhonePe करने का सिलसिला शुरु हो गया।

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