नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच रविवार को एक खगौलीय घटना होगी। इस वर्ष का पहला सूर्यग्रहण रविवार को लगने जा रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। यह ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई देगा। राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, कुरूक्षेत्र, चमौली, सिरसा, सूरतगढ़ में भी इसे देखा जा सकेगा। साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है। ग्रहण के कारण सूतक लग गए है। लखनऊ समेत देशभर में आज शाम 4 बजे तक मंदिर बंद रहेंगे। चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढकेगी। ऐसे में सूर्य के किनारे वाला हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा। इस ग्रहण को बिहार समेत देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जायेगा। इस ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व दिया जा रहा है।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच रविवार को एक खगौलीय घटना होगी। इस वर्ष का पहला सूर्यग्रहण रविवार को लगने जा रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। यह ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई देगा। राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, कुरूक्षेत्र, चमौली, सिरसा, सूरतगढ़ में भी इसे देखा जा सकेगा। साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है। ग्रहण के कारण सूतक लग गए है। लखनऊ समेत देशभर में आज शाम 4 बजे तक मंदिर बंद रहेंगे। चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढकेगी। ऐसे में सूर्य के किनारे वाला हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा। इस ग्रहण को बिहार समेत देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जायेगा। इस ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व दिया जा रहा है।