किसानों का आग्रह कृषि बिल वापिस ना लें, बोले - ये हमको सशक्त बनाने का माध्यम : कृषि मंत्री तोमर
ग्वालियर में आयोजित हुआ किसान सम्मेलन, कृषि मंत्री ने बताये कानून के लाभ
ग्वालियर। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए आज किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विशेष रूप से भाग लिया। दोनों नेताओं ने किसानों को कृषि कानूनों का लाभ समझाया।
तीनों कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री तोमर ने कहा की जबसे इस आंदोलन की शुरुआत हुई है, देश के कई राज्यों से किसानों ने मुझसे मुलाकात कर कृषि बिल का समर्थन किया जा रहा है, वे लोग मुझसे आग्रह कर रहे हैं कि इस बिल को वापस न लें क्योंकि ये बिल देश के किसान को सशक्त करने का माध्यम है।
सरकार ने गांव, गरीब, किसान को प्राथमिकता दी -
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सदैव गांव, गरीब और किसानों को प्राथमिकता दी है। हमारे नेता, नीति और नीयत दोनों पवित्र है, आंदोलनकर्ताओं से हम लगातार बात कर रहे हैं।किसान विरोधियों से कहना चाहता हूं कि गलत तरीके से कोई पीएम मोदी जी की छवि को धूमिल करने की कोशिश करेगा, सरकार उसका उचित जवाब देना भी जानती है। आप बात करने आइये स्वागत है, लेकिन किसानों में झूठ व भ्रम न फैलाएं।
विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है -
उन्होंनेे कहा विपक्ष के कुछ लोग आज किसानों के कन्धों पर बंदूक रखकर चलाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।लेकिन वो ये समझ लें कि वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे। आज जब देश के किसानों को विपक्ष गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों द्वारा प्रधानमंत्री जी के किसान हित में लिए फैसले का समर्थन किया जा रहा है। 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश की जनता ने हमें ये बहुमत देश को बदलने के लिए दिया है, हमें इसके लिए कुछ कठोर निर्णय भी लेने पड़ेंगे।