कौन हैं लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना, जानिए

Update: 2021-01-27 09:24 GMT

नईदिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रेक्टर रैली के नाम पर हुई हिंसा ने पूरे देश को हैरान कर दिया। पिछले दो माह से शांति से चल रहे आन्दोलन का वीभत्स रूप कल मंगलवार को सामने आया।जब बेकाबू भीड़ ने पुलिस वालों के साथ मारपीट करने के साथ लाल किले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहरा दिया। इस घटना के बाद पंजाबी सिंगर और एक्टर दीप सिद्धू का नाम सामने आ रहा है।किसान नेताओं का आरोप है की दीप सिद्धू ने ही किसानों को भड़काया और लाल किले पर ले गया।  

लाल किले पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्धू की प्रधानमंत्री एवं भाजपा सांसद सनी देओल के साथ भी एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसके बाद सनी देओल ने ट्वीट कर दीप सिद्धू के साथ किसी प्रकार का संबंध ना होने की बात कहीं है।  आइये आपको बताते है की दीप सिद्धू आखिर कौन हैं और क्यों उन्हें दिल्ली हिंसा का आरोपी माना जा रहा है। 

दीप सिद्धू एक्टर, नेता - 

दीप सिद्धू का जन्म साल 1984 में पंजाब के मुक्तसर में हुआ है।उन्होंने कानून की पढाई की है एवं बार के सदस्य भी रहे है।  वह सिंगर और एक्टर बनने से पहले वकालत करते थे।  जानकारी के अनुसार दीप सहारा इंडिया परिवार में क़ानूनी सलाहकार पद पर भी कार्य कर चुके है।  बताया जाता है की धारावाहिक निर्माता एकता कपूर के कहने के बाद उन्होंने मॉडलिंग एवं एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा।जिसके बाद वह किंगफ़िशर का मॉडल हंट अवार्ड भी जीता।  

दीप ने साल 2015 में आई फिल्म रमता जोगी से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। इस फिल्म का निर्माण अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म निर्माण कंपनी विजेता फिल्म्स ने किया था। इसके बाद  साल 2018 में आई फिल्म जोरा दस नंबरिया से दीप बतौर एक्टर पंजाबी फिल्मों में स्थापित हो गए। इसके बाद साल 2019 में सनी देओल के लिए गुरदासपुर में प्रचार करते हुए नजर आये थे।  

किसान आंदोलन शुरू होने के साथ ही दीप सिद्धू इस आंदोलन से जुड़ गया। 26 जनवरी की घटना के बाद किसान नेताओं ने दीप पर आरोप लगाए है।  इसके बाद दीप ने एक वीडियो जारी कर कहा उन्होंने किसी को नहीं भड़काया है। हालांकि दीप ने माना की उन्होंने भावनाओं में बहकर निशान साहिब एवं किसान यूनियन का झंडा लाल क़िले पर फहरा दिया।  

लक्खा सिधाना एक गैंगस्टर -

दीप सिद्धू के साथ दूसरा नाम लक्खा सिधाना का सामने आया है। लक्खा सिधाना पंजाब  का रहने वाला है।सिधाना एक समय में बड़ा गैंगस्टर हुआ करता था। उसके बाद वह राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्र में आया।  लक्खा अपराध और राजनीति से जुड़ने से पहले कबड्डी का खिलाड़ी भी रह चुका है।  ]

लक्खा सिधाना का पूरा नाम लखबीर सिंह है। वह पंजाब के बठिंडा जिले का रहने वाला है। उसने डबल एमए किया है। लक्खा के नाम पर  हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई केस दर्ज है।  पंजाब के वित्त मंत्री मनदीप बादल की पूर्व पार्टी पंजाब पीपुल्स से लक्खा विधानसभा चुनाव लड़ चुका है। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। सिधाना पिछले कुछ समय से पंजाबी भाषा के समर्थन में कथित संघर्ष कर रहा है।  

सिधाना नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोतने की वजह से सुर्ख़ियों में आया था।  दिल्ली में किसान आंदोलन शुरू होने के बाद ये इस आंदोलन से जुड़ गया और बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहा था।  सिधाना पर ट्रेक्टर रैली में शामिल युआओं को भड़काने का आरोप है। सिधाना ट्रेक्टर रैली से पहले किसान आंदोलन के मंच पर चढ़ कर कहा था की युवा जैसे चाहते है ठीक वैसे ही रैली होगी।  

बड़ा प्रश्न : कैसे मिली आंदोलन में जगह 

दिल्ली में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सभी बड़े नेता इस घटना से पल्ला झाड़ रहे है। जिन सगंठनों और नेताओं ने इस रैली का आह्वान किया।  वह उल्टा सरकार और दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना पर आरोप लगा रहे है।किसानों का आरोप है की ये दोनों हमारे लोग नहीं है, हमारा इनके साथ कोई संबंध नहीं है। ऐसे में एक बड़ा प्रश्न ये उठता की आखिर जिस रैली को किसान नेताओं ने बुलाया।  जिस रैली के आयोजन की तैयारियां और देखरेख संयुक्त मोर्चा के लोग कर रहे थे।  उस रैली में इन दोनों ने कैसे प्रवेश किया और रैली की कमान  कैसे और कब इन दोनों के हाथों में आई। रैली शुरू होने से पहले किसान नेताओं को पता कैसे नहीं चला की लक्खा सिधाना और दीप सिद्धू उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रहे है।  अब जब लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना घट गई तब निंदा और अफ़सोस कर रहे है।  

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