गर्मियों में बढ़ता है फूड पॉइजनिंग का खतरा, इससे बचने के लिए चाहिए लक्षण और उपाय

आज हम आपको फूड प्वाइजनिंग के बारे में और उसके लक्षण व उपाय के बारे में जानकारी देंगे।

Update: 2024-05-22 16:49 GMT

Food Poisoning: गर्मी का मौसम जहां पर जारी है वहीं पर इस मौसम में खानपान का ज्यादा ख्याल रखना जरूरी होता है लेकिन हमारे खाने की गड़बड़ी पेट संबंधी कई बीमारियां खड़ी कर देती है इनमें ही एक शामिल है फूड पॉइजनिंग की समस्या। यह किसी दूषित खाने से पनपती है और पेट में जलन पैदा करती है। इसके लिए आज हम आपको फूड पॉइजनिंग ( Food Poisoning Treatment) के बारे में और उसके लक्षण व उपाय के बारे में जानकारी देंगे।

जानिए क्या होती है फूड पॉइजनिंग

यहां पर फूड पॉइजनिंग को समझे तो एक पाचन तंत्र में होने वाली जलन या संक्रमण है होता है जो किसी बाहर के खाद्य या पेय पदार्थ के सेवन से होता है। यह आमतौर पर वायरस, पैरासाइट्स या बैक्टीरिया से दूषित खाद्य या पेय पदार्थों के कारण होता है। कई मामलों में फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षण तेजी से विकसित होते हैं और अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो जाते हैं, तो कई बार लंबे समय तक होते हैं।

जानिए क्या होते है लक्षण

यहां पर फूड पॉइजनिंग के लक्षण होते है जो सामान्यतः नजर आते हैं जो इस प्रकार है..

बेचैनी

उल्टी- दस्त

पेट में दर्द और ऐंठन

बुखार 

कमजोरी और थकान

भूख न लगना

जानिए फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय

यहां पर जब लक्षण बीमारी के नजर आने लगते हैं तो आप इन तरह के उपाय अपना सकते हैं जो इस प्रकार है..

1- पानी पीते रहें 

फूड पॉइजनिंग की समस्या होने पर उल्टी दस्त के लक्षण नजर आते हैं जिनमें पानी की कमी हो जाती है। जिससे डिहाईड्रेशन की कमी को पूरी करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए।इलेक्ट्रोलाइट घोल या स्पोर्ट्स ड्रिंक पीकर खोए हुए तरल पदार्थों की पूरा करने की कोशिश करें। पूरे दिन धीरे-धीरे और बार-बार तरल पदार्थ पीने से फायदा मिलता है।

2- BRAT डाइट का करें पालन

इस समस्या से बचने के लिए आप BRAT आहार के रूप में जाना जाने वाला एक हल्का आहार ले तो आपके लिए अच्छा होगा। BRAT का मतलब यहां पर केला, चावल, सेब का रस और टोस्ट। ये खाद्य पदार्थ पेट के लिए हल्के होते हैं और पचाने में आसान होते हैं, जो जलन को कम करने में मदद करते हैं।

3- दही का करें सेवन 

फूड प्वाइजनिंग की समस्या में आप प्रोबायोटिक से भरपूर दही का सेवन करें। प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया होते हैं जो गट के माइक्रोबायोटा में संतुलित करने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। दही, केफिर, सौकरकूट या किमची जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते है।

4- आराम करें

इस समस्या पर आराम करना सबसे बेहतर उपाय होता है जिसमें झपकी लेना और पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर को संक्रमण से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकता है। समस्या के दौरान खानपान का भी अच्छा ख्याल रखना जरूरी है।

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