भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है : प्रधानमंत्री

Update: 2022-01-12 07:00 GMT

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को देश की असल ताकत करार देते हुये बुधवार को कहा कि दुनिया आज हमारी ओर आशा और विश्वास की दृष्टि से देख रही है। उन्होंने वर्तमान युवा पीढ़ी की 'कैन डू' की भावना को समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताता और कहा कि भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती के मौके पर पुदुच्चेरी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया।

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की जनसंख्या युवा है और देश का मन भी युवा है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में उनकी जन्मजयंती और अधिक प्रेरणादायी हो गई है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज़ मानती है।

जन भी युवा, मन भी युवा - 

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है। भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है।"उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं। उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है। भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ डवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है। आज भारत के युवा में अगर टेक्नालजी का आकर्षण है, तो लोकतंत्र की चेतना भी है।

स्वतंत्रता सेनानियों का सपना - 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के समय जो युवा पीढ़ी थी, उसने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने में एक पल नहीं लगाया। लेकिन आज के युवाओं को देश के लिए जीना है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करना है। युवा में वो क्षमता होती है, वो सामर्थ्य होता है कि वो पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता, वो उन्हें झटकना जानता है। यही युवा, खुद को, समाज को, नई चुनौतियों, नई डिमांड के हिसाब से विकसित कर सकता है, नए सृजन कर सकता है। आज़ादी की लड़ाई में हमारे ऐसे अनेक सेनानी रहे हैं, जिनके योगदान को वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वो हकदार थे। ऐसे व्यक्तियों के बारे में हमारे युवा जितना ज्यादा लिखेंगे, रिसर्च करेंगे, उतना ही देश की आने वाली पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ेगी।

जुट जाओ और जीतो - 

उन्होंने कहा कि आज के युवाओं में 'कैन डू' की भावना है जो हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ये भारत के युवाओं की ही ताकत है कि आज भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में दुनिया में इतना आगे निकल गया है। आज भारत का युवा, वैश्विक समृद्धि के कोड लिख रहा है। पूरी दुनिया के यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में भारतीय युवाओं का जलवा है। भारत के पास आज 50 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स का मजबूत इकोसिस्टम है। नए भारत का यही मंत्र है- मुकाबला करें और जीतें। यानि जुट जाओ और जीतो। जुट जाओ और जंग जीतो।

बेटे-बेटी एक समान - 

बेटे-बेटी एक समान की सोच प्रगट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है। बेटियां भी अपना करियर बना पाएं, उन्हें ज्यादा समय मिले, इस दिशा में ये एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इसी वर्ष श्री ऑरबिंदो की 150वीं जन्मजयंती मना रहे हैं और इस साल महाकवि सुब्रमण्य भारती जी की भी 100वीं पुण्य तिथि है। इन दोनों मनीषियों का पुदुचेरी से खास रिश्ता रहा है। ये दोनों एक दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा के साझीदार रहे हैं।कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने "मेरे सपनों का भारत" और "अनसंग हिरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेन्ट" (भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम महानायक) पर चयनित निबंधों का अनावरण किया। एक लाख से अधिक युवाओं ने इन दो विषयों पर निबंध लिखे थे, जिनमें से कुछ निबंधों को चुना गया है।प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह युवाओं में कौशल विकास को बढ़ावा देगा। इसे लगभग 122 करोड़ रुपये के निवेश से पुदुचेरी में स्थापित किया गया है।प्रधानमंत्री ने ओपन एयर थियेटर युक्त एक प्रेक्षागृह पेरुनथलैवर कामराजर मनीमण्डपम का भी उद्घाटन किया, जिसे लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से पुदुचेरी सरकार ने निर्मित किया है। इसे मुख्य रूप से शैक्षिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल किया जायेगा। यहां एक हजार से अधिक व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है।

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