गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए माता है, पूजनीय है : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में परियोजनाओं का किया लोकार्पण
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। उनका बीते दस दिनों में ये दूसरा दौरा है।उन्होंने कहा आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मजयंती है मैं उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं, उनकी स्मृति में देश किसान दिवस मना रहा है। वाराणसी और आसपास का ये पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और पूरे उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है।
हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।
आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है।भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है।हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी।लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला। हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विरोधी दलों का नाम न लेते हुए कहा कि मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मज़हब के चश्मे से ही देखा। इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने।