नईदिल्ली। देश की राजधानी में इण्डिया गेट के पास सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेन्ट्रल विस्टा को सर्वोच्च न्यायलय ने मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद नई संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की नेत्र्तव वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने सभी पेपरवर्क और डीडीए द्वारा लैंड की उपयोगिता को बदलना सही माना।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट को शुरू करने के विरासत संरक्षण समिति की मंजूरी लेने के निर्देश दिए है, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा प्रोजेक्ट को शुर करने से पहले आवेदन कर विरासत समिति से मंजूरी अवश्य लें। साथ पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए निर्माण स्थल पर स्मॉग टॉवर स्थापित करने का सुझाव दिया। बता दें की इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को शिलान्यास समारोह की अनुमति दी थी, लेकिन निर्देश दिया था कि कोई निर्माण नहीं होना चाहिए।इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गत 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखी और 'भूमिपूजन' किया था।
लुटियन ज़ोन में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को चुनौती देने वाली कई याचिकाएँ हैं, जिसमें कुछ उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है, जिसमें भूमि उपयोग में बदलाव और पर्यावरणीय अनुपालन शामिल हैं।