Mahakumbh 2025: आखिर कब लगा था आजाद भारत का पहला महाकुंभ, 13 जनवरी से होगा महा आगाज़
क्या आप जानते है आजादी से पहले कब कुंभ का आयोजन किया गया था। प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है।;
First Mahakumbh in india: देश के सबसे बड़े धार्मिक समागम यानी महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से होने जा रहा हैं जिसके लिए उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आयोजन के लिए तैयारियां चल रही हैं। इस आयोजन में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं समेत साधु संत पहुंच रहे है।
क्या आप जानते है आजादी से पहले कब कुंभ का आयोजन किया गया था। प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. ये 45 दिनों तक चलेगा. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के शाही स्नान के साथ इस महाकुंभ खत्म हो जाएगा।
अंग्रेजी शासन करता था महाकुंभ का आयोजन
आपको बताते चलें कि, महाकुंभ का आयोजन आजादी से पहले भी आयोजित होता रहा था जिसमें अंग्रेजी सरकार की ओर से कुंभ, अर्धकुम्भ और माघ मेला आयोजित किया जाता था. इस दौरान इंग्लैंड से ऑफिसर आते थे, जो मेले का प्रबंधन देखते थे। प्रयागराज को महाकुंभ की धरती कहा जाता हैं यहां पर पहला कुंभ प्रयागराज में साल 1954 में लगा था। जैसा कि, जानते है प्रयागराज को महाकुंभ की धरती कहा जाता हैं।
मौनी अमावस्या के दिन पीएम नेहरू ने किए थे दर्शन
आपको बताते चलें कि, देश के आजाद होने के बाद कई नेता भी महाकुंभ में शामिल हो सके हैं। इस कुंभ में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी शामिल हुए थे, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मौनी अमावस्या के दिन संगम के तट पर स्नान किया था। बताया जाता है कि इस दौरान एक हाथी के कंट्रोल से बाहर होने के बाद हादसा हुआ था जिसमें 500 से ज्यादा की जान गई थी।
क्या थी उस जमाने में व्यवस्था
आपको बताते चलें कि, इससे पहले कुंभ में श्रद्धालुओं के इलाज के लिए संगम किनारे सात अस्थाई अस्पताल बनवाए गए थे. भूले भटकों को मिलाने और भीड़ को सूचना देने के लिए लाउडस्पीकर्स भी थे। उस दौरान भीड़ अधिक होने के कारण हादसे भी होते रहे।