मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह से की चर्चा, कहा - 1 हजार करोड़ की दी जाएगी मदद
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आजीविका मिशन की हमारी बहन ने अपने संघर्ष की जो कहानी सुनाई, वह हमें द्रवित भी करती है और संघर्ष कर जीवन में विजय प्राप्ति के लिए प्रेरणा भी देती है। लोग कहते थे कि बेटा कुल का दीपक और बुढ़ापे की लाठी है। मैं इस बात की गारंटी नहीं ले सकता कि बेटा बुढ़ापे में सेवा करेगा या नहीं, लेकिन इस बात की गारंटी जरूर ले सकता हूं कि बेटी की जब तक सांस चलेगी, माता-पिता की सेवा करेगी। मां-बहन, बेटियों के बिना यह दुनिया नहीं चलेगी, इसलिए इनका सम्मान कीजिये।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह उन्मुखीकरण एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम का कन्यापूजन कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कोरोना काल में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
दुराचार करने वालों पर शिकंजा -
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में हमने कानून बनाया कि जो बहन, बेटी के साथ दुराचार करेगा, उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पति और पत्नी का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। लेकिन कई बार यह देखने को मिलता है कि पति पत्नी पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश करता है, उसे मारता-पीटता है। हम चाहते हैं कि यह तस्वीर बदले। इसके लिए हमने महिलाओं के उन्नयन के लिए अनेक कार्य किये। बहन-बेटियों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक सशक्तिकरण इन्हें सशक्त बनाया जा सकता है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैं निरंतर कार्य कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि हमने बहन मीरा, आशा और कमली जी की सफलता की कहानी सुनी। यह केवल हमारी इन बहनों की नहीं, बल्कि ऐसी हजारों बहनों की सफलता की कहानियां हैं। मैं अपनी उन सभी बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। बहनों, हमारा लक्ष्य है कि इस साल रु. 2,550 करोड़ रुपये महिला स्वसहायता समूहों के खातों में बैंक लिंकेज के माध्यम से डाले जाएंगे। इसके अलावा सरकार की तरफ से भी रु. 1,000 करोड़ की मदद दी जाएगी।
आजीविका मार्ट की स्थापना -
उन्होंने कहा कि भोपाल में महिलाओं के स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए भोपाल हाट में आजीविका मिशन मार्ट बनाया जाएगा। स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए हम भोपाल हाट में आजीविका मार्ट की स्थापना करेंगे। स्व-सहायता समूह से जुड़ी सभी बहनों के अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजीविका रुरल मार्ट 37 शुरू हो चुके हैं 47 के प्रस्ताव और जा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं, फसलों की खरीदी वह भी स्व-सहायता समूहों को देने का तय किया है। राशन की दुकानें चलाने के लिए भी स्व-सहायता समूह की बहनें चलाएंगी। मेहनत और अनुशासन सफलता की कुंजी है।