भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य शासन कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए हर संभव तैयारी कर रही है। डॉ. कैलाश नाथ काटजू सिविल अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में विकसित करना इसी दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री चौहान काटजू सिविल अस्पताल के 200 बिस्तरीय डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में उन्नयन उपरांत लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कष्टों को हम भुलायें नहीं। कोरोना अभी गया नहीं है। यह सच है कि प्रदेश में प्रकरण कम हो रहे हैं। तीन दिन पहले प्रदेश में 38 प्रकरण थे, कल 40 थे और आज 43 हो गये। यह भी कटु सत्य है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरियंट कई देशों में कहर बरपा रहा है। केरल और महाराष्ट्र में कोरोना प्रभावितों की संख्या बढ़ रही है। लॉकडाउन बचाव का स्थाई समाधान नहीं है। इससे कई घरों के रोजगार और कारोबार टूट जाते हैं। सावधानी में ही सुरक्षा है। तीसरी लहर से बचाव के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन और सभी सावधानियाँ रखना जरूरी हैं।
केयर इंडिया के सहयोग से हुआ उन्नयन -
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संकट का सामना जन-भागीदारी के आधार पर किया गया है। तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी राज्य सरकार, जन-प्रतिनिधि और स्वयंसेवी संस्थाएँ सभी साथ हैं। काटजू डेडिकेटड अस्पताल के उन्नयन में केयर इंडिया संस्थान का सहयोग रहा है। समाज के प्रति दायित्व और सेवा-भाव से संस्था द्वारा अस्पताल का संचालन किया जायेगा। राज्य शासन की ओर से संस्थान को किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जायेगा। अन्य स्थानों पर भी स्वयंसेवी और निजी संस्थाओं से इस प्रकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है।
एक पॉजिटिव मिलेगा तो 25 की कांटेक्ट ट्रेसिंग करेंगे -
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग सघन रूप से जारी हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 75 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। यदि एक व्यक्ति पॉजिटिव मिलता है तो 25 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। यह इस उद्देश्य से है कि संक्रमण बढ़ने की किसी भी स्थिति को तत्काल नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण कोरोना से बचाव का सशक्त उपाय है। जिन लोगों ने पहली डोज लगवाई है वे निश्चित समय के बाद टीके की दूसरी डोज अवश्य लगवायें।