भोपाल। प्रदेश सरकार ने अंतर्राज्जीय बसों को प्रतिबन्धित कर दिया है लेकिन सभी जिलों में बसों का संचालन सामान्य रखने के निर्देश दिए है। राज्य में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। गृह विभाग ने सभी जिले के कलेक्टर को इसके लिए पत्र लिखा है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संचालन अंतर्राज्यीय बस सेवा के संचालन पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगाई गई है। प्रदेश के अंदर सभी जिलों में बसों का संचालन सामान्य रहेगा। इसे लेकर गृह विभाग ने सभी कलेक्टर्स को आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के अनुसार अब प्रदेश के अंदर ही यात्री बसों का संचालन किया जाएगा।
इधर गृह विभाग के आदेश का पालन करने से बस संचालकों ने मना कर दिया है। मप्र प्राइम रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि जब तक शासन द्वारा अप्रैल से सितंबर तक (कुल छह महीने) का टैक्स माफ नहीं कर दिया जाता तब तक प्रदेश भर में 35 हजार बसों के पहिए थमे रहेंगे। सोमवार को भोपाल में बैठक कर सभी संचालकों की सहमति से अंतिम फैसला लेंगे। वहीं बस संचालक सुरेंद्र तनवानी ने बताया कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक बसें नहीं चलाएंगे।
बता दें की पिछले दिनों गृहमंत्री नेराज्य के अंदर भोपाल, इंदौर और उज्जैन के संभागों के सभी जिलों में आगामी 30 जून तक यात्री बसों का संचालन 50 फीसदी क्षमता के साथ करने का निर्णय लिया था। जिसे बस संचालकों ने मानने से इंकार कर दिया है। अब सरकार ने दोबारा से बसों का संचालन सुचारु करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए है।