मप्र प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना में सबसे आगे
योजना में मध्यप्रदेश लगातार तीसरी बार देश में प्रथम
भोपाल। कामकाजी महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देने और उनके उचित आराम एवं पोषण को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ''प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना'' के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देशभर में सबसे आगे है।
इस योजना में पहले बच्चे के जन्म पर सुरक्षित मातृत्व के लिए पांच हजार रुपये की सहायता तीन किश्तों में दी जाती है। एक हजार रुपये की पहली किश्त आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का पंजीयन कराने पर, दो हजार रुपये की दूसरी किश्त कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने और गर्भावस्था के छह माह पूर्ण होने पर तथा दो हजार रुपये की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म के पंजीकरण और बच्चे के प्रथम चक्र के टीकाकरण पूर्ण होने पर दी जाती है।
21 जून तक 991 करोड़ 89 लाख रुपये का भुगतान -
''प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना'' में मध्यप्रदेश के देश में प्रथम आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि मजदूरी में लगी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक मदद दिलाने और गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए नकद राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित है। योजना के सफल क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश लगातार तीसरी बार देश में प्रथम आया है। उन्होंने कहा, पहले बच्चे के जन्म पर पांच हजार रुपये की सहायता दी जाती है। योजना के अंतर्गत 21 जून 2021 तक प्रदेश में 23 लाख सात हजार 880 गर्भवती महिलाओं को 991 करोड़ 89 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। योजना में प्रदेश के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 148 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। इस उपलब्धि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग निश्चित ही बधाई का पात्र है।
हिमाचल दूसरे और आंध्र प्रदेश है तीसरे स्थान पर -
देशभर में ''प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना'' के सफल क्रियान्वयन में हिमाचल प्रदेश द्वितीय स्थान पर रहा है, जहां पर कुल 139 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। वहीं, तृतीय रहे आंध्रप्रदेश में 11 लाख 69 हजार 730 महिलाओं को योजना का लाभ अब तक दिया जा चुका है ।
योजना से ये हैं लाभ -
इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होता है। योजना की लाभ राशि ''प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण'' (डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाती है । सरकार निम्नलिखित किश्तों में राशि का भुगतान करती है। पहली किस्त 1000 रुपये गर्भावस्था के पंजीकरण के समय। दूसरी किस्त 2000 रुपये यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं। तीसरी किस्त 2000 रुपये जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) निम्न श्रेणी के गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लागू नहीं होगी। जो केंद्र या राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में हैं या फिर जो किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्तकर्ता हैं।