बाढ़ से प्रभावित लोगों के जीवन की रक्षा करना हमारी पहली प्राथमिकता : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में बाढ़ से उत्पन्न इस परिस्थिति में हमारी पहली प्राथमिकता जनता के जीवन की रक्षा थी, हम उसमें सफल हुए, लेकिन चुनौती अभी भी बड़ी है। संकट है, लेकिन हमारे नागरिक चिंता न करें। राहत एवं बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे। प्रयत्नों की परिसीमा करेंगे। जनता को इस प्राकृतिक आपदा से निकालकर ले जाएंगे। ये हमारा वज्र और दृढ़ संकल्प है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को वर्चुअल मंत्रि-परिषद की कैबिनेट बैठक के पूर्व मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अतिवृष्टि एवं बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को लेकर कहा कि यह भयानक प्राकृतिक आपदा है। ऐसी त्रासदी मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी। हजारों मकान तबाह हो गए। घरों में रखा सामान बर्बाद हो गया। अनाज अंकुरित हो गया। जरुरत की सारी चीजें चली गईं। इंफ्रास्ट्रक्चर तहस नहस हो गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु
उन्होंने कहा कि संतोष इस बात का है कि समय रहते हमने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किये। जैसे-जैसे परिस्थितियां सामान्य होंगी, सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि नुकसान की भरपाई शीघ्र की जा सके। कई जगह घरों और फसलों का नुकसान है। अनाज के वितरण की व्यवस्था के तहत प्रभावित हर परिवार को 50 किलो राशन देने की व्यवस्था करेंगे।
राहत-बचाव कार्य जारी -
उन्होंने कहा कि भारतीय थल सेना, वायु सेना, बीएसएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, मध्यप्रदेश पुलिस, अन्य बचाव दल और प्रभारियों मंत्रियों का धन्यवाद। सामूहिक प्रयत्नों से हम इंसानी जिंदगियों को बचाने में सफल हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी राहत-बचाव कार्य जारी है। राहत बचाव दल द्वारा प्रभावित इलाकों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं।
दवाई और उपचार की व्यवस्था -
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मौसम विपरीत है लेकिन कनेक्टिविटी जोड़ना है। चुनौती बड़ी है लेकिन हौसला भी हमारा बड़ा है। इसके साथ हमें दवाई और उपचार की व्यवस्था के लिए पहले से ही सचेत रहना होगा। पानी उतरने के साथ बीमारियां बढ़ने की आशंका है। हम मैदान में डटकर सेवा करेंगे। भोजन, राशन,पीने की व्यवस्था हम करेंगे। वॉटर सप्लाई के सोर्सेस करना बड़ा चुनौती है। बिजली व्यवस्था बड़ी चुनौती है, लेकिन युद्धस्तर पर हम काम करेंगे। चीफ इंजीनियर्स, इंजीनियर प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिनके मकानों को क्षति पहुंची है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि के बराबर राशि उपलब्ध कराएंगे। ताकि मकानों को फिर से खड़ा किया जा सके। बाकी क्षति का भी आंकलन किया जायेगा। राहत व पुनर्वास और इंफ्रास्ट्रक्चर को फिर से खड़ा करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। इसमें 11 विभाग शामिल होंगे। इन विभागों के मंत्रीगण, प्रमुख सचिव और एसीएस की एक कमेटी बनाई जाएगी। जो आपस में समन्वय कर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराएंगे।