स्टैच्यू आफ वननैस का निर्माण समाज की सहभागिता से हो : मुख्यमंत्री
स्टैचू ऑफ़ वननेस की स्थापना होगी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आचार्य शंकर की प्रतिमा, शंकर संग्रहालय और अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना में समाज को सहभागी बनाया जाय। आचार्य शंकर की एकात्मता की प्रतिमा (स्टैच्यू आफ वननैस) के लिये एकात्म यात्रा, धातु संरक्षण अभियान चलाया गया था। उसी प्रकार गाँवों, पंचायतों से लेकर विदेशों तक में सहयोग के लिए अभियान चलाया जाए। संत समाज ही इस अभियान का नेतृत्व करे। अद्वैत का विचार व्यक्ति के अंतरद्वंद से लेकर विश्व के कई मतभेदों को समाप्त कर सकता है। अत: आचार्य शंकर और अद्वैत के विचार से अधिक से अधिक व्यक्तियों को जोड़ने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जायें।मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
108 फिट ऊँची होगी स्टैच्यू ऑफ वननैस -
ओंकारेश्वर प्रकल्प के निर्माण के लिए पर्यटन विकास निगम द्वारा नियुक्त वास्तुविदीय सलाहकार द्वारा स्टैच्यू ऑफ यूनिट गुजरात, बुर्ज खलीफा दुबई, नेशनल वार मेमोरियल दिल्ली जैसी प्रतिष्ठित परियोजनाओं में कार्य किया गया है। ओंकारेश्वर प्रकल्प में मान्धाता पर्वत की हरियाली से एकाकार करती संरचना का निर्माण किया जायेगा। एकात्मता की प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ वननैस) की ऊँचाई 108 फिट होगी जिसे 54 फिट ऊँचे चबूतरे पर बने 27 फिट ऊँचे कमल पर स्थापित किया जायेगा। प्रकल्प में दो हजार की क्षमता के एम्फी थियेटर का निर्माण होगा, जिसमें लेजर लाईट एण्ड साउंड शो द्वारा आचार्य शंकर के जीवन और विचारों पर केन्द्रित एक घंटे का हिन्दी और अंग्रेजी शो दिखाया जायेगा।
नर्मदा नदी के दोनों ओर विकसित किया जाएगा -
ओंकारेश्वर प्रकल्प नर्मदा नदी के दोनों ओर विकसित किया जाएगा। मान्धाता पर्वत पर 7.5 हेक्टेयर क्षेत्र में एकात्मता की प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ वननैस) और शंकर संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। नर्मदा नदी की दूसरी ओर 5 हेक्टेयर क्षेत्र में गुरूकुलम तथा दस हेक्टेयर क्षेत्र में आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैव वेदान्त संस्थान विकसित होगा। प्रकल्प के लिए 18.50 हेक्टेयर भूमि आवंटित हो गई है। इसके अतिरिक्त लगभग 9 हेक्टेयर भूमि की और आवश्यकता है। ओंकारेश्वर प्रकल्प की अनुमानित लागत एक हजार करोड़ रूपये है। यह भारत सरकार, राज्य सरकार, कार्पोरेट- सामाजिक दायित्व तथा समाज से प्राप्त दान से पूर्ण की जायेगी।
ऑनलाइन जारी रहे शंकर व्याख्यानमाला -
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रकल्प का निर्माण मार्च 2023 तक पूर्ण हो। शंकर व्याख्यानमाला का आयोजन माह में एक बार अवश्य हो। व्याख्यान माला को वैश्विक स्वरूप देने के लिए ऑनलाइन आयोजन की प्रक्रिया जारी रहे। व्याख्यान माला का यू-टयूब चैनलों और सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। न्यास द्वारा शंकर व्याख्यान माला के साथ प्रेरणा संवाद, शंकर संगीत, अद्वैत उत्सव, शंकर फेलोशिप, शंकर चित्रकला कार्यशाला और प्रदर्शनी तथा अद्वैत जागरण शिविर का नियमित आयोजन किया जा रहा है।