महाकुम्भ 2025: महाकुंभ पहुंच रहे श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना एकात्म धाम शिविर, शंकराचार्य के जीवन और दर्शन पर लगी प्रदर्शनी ने खींचा लोगों का ध्यान…
प्रयागराज- स्वदेश एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट;
महाकुम्भ 2025: 'यहां आकर बहुत आनंद आया, बड़ी शांति मिली... मन करने लगा कि हम हम भी वेदांत की क्लास करें और हमारे भारत के ज्ञान और संस्कार को सीखें.' यह कहना है प्रयागराज स्थित एकात्म धाम शिविर आने वाली राष्ट्रीय बाल प्रवक्ता सुप्रिया जी महाराज का जो शेखपुरा (मोकामा, पटना), बिहार से महाकुम्भ स्थित एकात्म धाम शिविर पहुंची.
मध्यप्रदेश के आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रयागराज के झूंसी स्थित सेक्टर-18 हरिश्चन्द्र मार्ग पर तीन एकड़ में फैला एकात्म धाम शिविर महाकुम्भ पहुंच रहे श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. पहली बार मध्यप्रदेश के द्वारा इस तरह का शिविर महाकु्म्भ में लगाया गया है.
वैदिक परम्परा और शास्त्र के संबंध में जानने के इच्छुक लोगों के लिए एकात्म धाम एक अनूठा अनुभव साबित हो रहा है. शिविर में आदि शंकराचार्य की की जीवन यात्रा और एकात्म दर्शन से जुड़े रोचक और ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी के अलावा सांस्कृतिक और वैदिक अनुष्ठान भी लगातार आयोजित किए जा रहे हैं.
एकात्म धाम शिविर पहुंचने वाले श्रद्धालु इसे भव्य और दिव्य अनुभव बता रहे हैं. स्वदेश की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर एकात्म धाम शिविर को करीब से देखा और वहां आने वाले लोगों से उनके अनुभव जानने की कोशिश की.
'दिव्य और भव्य अनुभव'
प्रयागराज के झूंसी स्थित सेक्टर-18 महाकुम्भ में स्थित एकात्म धाम शिविर महाकुम्भ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आदि शंकराचार्य के जीवन यात्रा और एकात्म दर्शन पर आधारित प्रदर्शनी लोगों का मन मोह रही है.
एकात्म धाम शिविर पहुंच रहे श्रद्धालुओं ने स्वदेश की टीम के साथ अपना अनुभव साझा किया. साथ ही हम शिविर पहुंचने वाले कुछ अन्य श्रद्धालुओं के अनुभव भी साझा कर रहे हैं जिन्होंने पन्नों पर अपने भाव अंकित किए.
महाकुम्भ में कई जगहों पर घूम कर दो हफ्ते से सनातन धर्म और शास्त्रों की अपनी समझ बनाने और बढ़ाने का प्रयास कर रहा हूं. एकात्म धाम शिविर आ कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. यहां के प्रजेंटेंशन बहुत अच्छे हैं, साथ ही ऑरेटर्स काफी सुलझे हुए और जानकार है. शंकराचार्य की जीवन कथा और यहां प्रदर्शनी में वर्णित धर्मग्रंथों के बारे में काफी अच्छे से बता रहे हैं, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं.
- आनंद द्विवेदी, गुजरात
"यहां आकर बहुत आनंद आया, बड़ी शांति मिली. जगतगुरु शंकराचार्य के बारे में हमने भी भक्तमाल जी में पढ़ा था. यहां उ सब का दृश्य देखकर मन आह्लादित हो गया. मन तो करने लगा कि हम हम भी वेदांत का क्लास करें और हमारे भारत के ज्ञान और संस्कार को सीखें."
- सुश्री सुप्रिया जी महाराज, राष्ट्रीय बाल प्रवक्ता
शेखपुरा (मोकामा, पटना), बिहार
आदि शंकराचार्य के परम भावों से भावित यह शिविर मेरे लिए आत्म शांति का उपवन सा दिखता है. मध्यप्रदेश सरकार को कोटि कोटि बधाइयां जिन्होंने आदि शंकराचार्य के अमृत भावों को जन जन तक पहुंचाने का परम संकल्प लिया है.
- स्वामी ...
शंकराचार्य जी के जीवन पर प्रदर्शनी
एकात्म धाम शिविर में आदि शंकराचार्य की जीवन यात्रा और दार्शनिक कृत्यों पर आधारित एक मनोरम काफी दिलचस्प प्रदर्शनी लगाया गया है. शंकर दूतों को शंकर संगीत सिखाने के लिए बेंगलुरु से पहली बार प्रयागराज आई लोकमाता विद्याशंकर ने बताया कि शंकराचार्य के जीवन पर बहुत शिक्षाप्रद और इंफोर्मेटिव पेंटिंग लगाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि सौंदर्य लहरी का अंतरा, यंत्र, तंत्र और मंत्र सबकुछ है और उसके हिसाब से जो चित्र बनाया गया है वह पहली बार देखने को मिल रहा है. लोकमाता विद्याशंकर ने कहा कि सभी को एक बार एकात्म धाम शिविर जरूर आना चाहिए, यहां से काफी कुछ सीखा जा सकता है.
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोकव्यापीकरण एवं सार्वभौमिक एकात्मता की संकल्पना के उद्देश्य से 12 जनवरी को ही दीप प्रज्वलित कर एकात्म धाम शिविर का उद्घाटन ऋषि चैतन्य आश्रम की प्रमुख आनंदमूर्ति गुरु मां ने किया. शिविर में प्रतिदिन अद्वैत वेदान्त पर केंद्रित विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है.
शास्त्रार्त सभा, संत समागम, वैदिक अनुष्ठान, भाष्य पारायण, कथा वाचन और शंकर गीत से पूरे शिविर का माहौल आध्यात्मिक बना हुआ है. देश-विदेश के दिग्गज लोग से लेकर आम जन भी एकात्म धाम शिविर पहुंच कर आनंददायक अनुभव के साक्षी बन रहे हैं.
कई दिग्गज हुए शामिल
पद्मविभूषण से सम्मानित श्री श्री रविशंकर सहित कई गणमान्य संत-महात्मा और दिग्गज चेहरे एकात्म धाम शिविर में आयोजित कार्यक्रमों का हिस्सा बन चुके हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए. पहली बार महाकुंभ आने वाले श्रृंगेरी शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने 25 और 26 जनवरी को अद्वैत धाम द्वारा आयोजित शास्त्रार्थ की अध्यक्षता की.
शास्त्रार्थ सभा में प्रो. राजाराम शुक्ल, प्रो. मणि द्रविड़ शास्त्री, प्रो. श्रीहरि शिवराम धायगुड़े सहित अनेक विद्वान शामिल हुए जिन्होंने आत्मा, जगत जैसे मनुष्य के जिज्ञास्य विषयों पर चिंतन की अनेक धाराओं के अनुसार विवेचना की.
27 जनवरी को आयोजित संत समागम में श्रृंगेरी शंकराचार्य के साथ द्वारिका शंकराचार्य श्री श्री सदानंद सरस्वती, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज सहित हजारों साधु संत शामिल हुए.
प्रयागराज से अंकित शर्मा के साथ आशुतोष भार्गव की रिपोर्ट