पहले PM के 51 डिब्बे: PMML ने मांगे जवाहरलाल नेहरू से जुड़े दस्तावेज, आखिर इनमें ऐसा क्या है खास
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर बड़ी मांग की है। पत्र में कादरी ने लिखा कि, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़े दस्तावेजों के '51 डिब्बे' लौटाया जाएं।
रिजवान कादरी के पत्र के मुताबिक, UPA के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरु के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। नेहरु ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे।
प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) की एक वार्षिक आम बैठक (AGM) में इस मुद्दे को उठाया गया था कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन , अरुणा आसफ अली , बाबू जगजीवन राम, विजयलक्ष्मी पंडित, गोविंद बल्लभ पंत तथा लोकनायक जयप्रकाश नारायण के मध्य हुए पत्राचार एवं उनसे जुड़े अन्य कई संबंधित दस्तावेज अब प्रधानमंत्री संग्रहालय में मौजूद नहीं है।
साल 2024 के आरंभ में हुई इस एजीएम की मिनिट्स अर्थात कार्यवाही वृतांत में यह उल्लेख भी है कि एक व्यक्ति एम वी राजन साल मार्च 2008 में इस संस्थान में आए और और कुछ दस्तावेजों को चिन्हित किया। इन चिन्हित दस्तावेजों को इस संस्थान के तत्कालीन निदेशक की अनुमति से मई, 2008 में तत्कालीन UPA अध्यक्षा सोनिया गांधी को 51 कार्टन बॉक्स में भरकर भेज दिया गया।
सांसद संबित पत्रा ने सोमवार को संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, "सभी दस्तावेज हमारे राष्ट्र के इतिहास को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है। मेरा केंद्र सरकार से यह अनुरोध है की संस्कृति मंत्रालय इस मामले की सत्यता की जांच करे तथा पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़े इन सभी कागजातों को वापस प्रधानमंत्री संग्रहालय में उपलब्ध कराएं।"