दिल्ली। अयोध्या मंदिर विवाद मामले में विवादित भूमि का एक तिहाई हिस्सा पाने वाली पार्टियों में से एक निमोर्ही अखाड़ा ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें अधिग्रहित भूमि के 67.7 एकड़ जमीन में से अधिकांश हिस्सा रामजन्मभूमि न्यास के पक्ष में सौंपने की केंद्र सरकार की याचिका का विरोध किया गया है।
मामले में शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार मध्यस्थता की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। अखाड़े ने कहा कि सरकार द्वारा भूमि के अधिग्रहण से उसके द्वारा प्रबंधित विभिन्न मंदिर नष्ट हो गए थे। इसलिए, अदालत को विवाद का फैसला करना चाहिए।