पढाई से लेकर नौकरी तक, एकल दस्तावेज का काम करेगा जन्म प्रमाण पत्र
जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक, 2023 पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय डाटाबेस बनाने में मदद करेगा।
ग्वालियर। अब जन्म प्रमाण पत्र सिर्फ आपको देश का नागरिक नहीं बताएगा। बल्कि एकल दस्तावेज के रूप में भी काम करेगा। बर्थ सर्टिफिकेट बेहद अहम दस्तावेज साबित होने वाला है। आपको किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना हो, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, पासपोर्ट बनवाना हो,मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना हो, आधार कार्ड बनवाना हो, विवाह का पंजीकरण कराना हो या फिर सरकारी नौकरी में नियुक्ति पानी हो, हर जगह यह प्रमाण पत्र मान्य होगा। एकल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र के उपयोग की अनुमति देने के उद्देश्य से बुधवार को लोकसभा में इस संबंध में विधेयक पेश किया गया।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक, 2023 पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय डाटाबेस बनाने में मदद करेगा। इससे अन्य डाटाबेस को भी अपडेट करने में मदद मिलेगी। परिणामस्वरूप् सार्वजनिक सेवाओं, सामाजिक लाभों और डिजिटल पंजीकरण की सेवाओं में पारदर्शिता आएगी। गृह मंत्री अमित शाह की ओर से यह विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के विनियमन और उससे संबंधित मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था।
50 साल से ज्यादा के बाद भी कभी संशोधन नहीं हुआ-
नित्यानंद राय ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इसमें संशोधन नहीं किया गया था वक्त बदलने के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन आए हैं और तकनीकी रूप से भी काफी प्रगति हुई है। इसलिए आमजन की सुविधा के लिए इस अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, आम जनता और अन्य हितधारकों के साथ किए गए परामर्श के आधार पर यह संशोधन विधेयक लाया गया है। इसका फायदा आम जनता को मिलेगा और विभिन्न कार्यों में उन्हें ज्यादा सहजता मिलेगी।
आपदा और महामारी के दौरान आएगा काम-
राय ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र आपदा या महामारी की स्थिति में मृत्यु के त्वरित पंजीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने में भी अहम रहेगा। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए दावा किया कि सदम में ऐसा करने के लिए विधायी क्षमता का अभाव है। उन्होंने कहा कि यह उपाय निजता और शक्ति के पृथक्करण के अधिकार का उल्लंघन करता है। बाद में विधेयक को ध्वनि मत से पेश किया गया। विधेयक पर बहस और पारित करने के लिए बाद में विचार किया जाएगा।
इलेक्टोरल से जोड़े दिया जायेगा -
गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ समय पहले बताया था की डेथ एंड बिरथ रजिस्टर्ड को इलेक्टोरल रोल से जोड़े दिया जायेगा| इससे जैसे ही कोई व्यक्ति 18 साल का होगा, उसका नाम स्वम् ही वोटर लिस्ट में जुड़े जायेगा |
-इसी तरह जैसे ही किसी व्यक्ति की मौत हो जाएगी, तो इसकी जानकारी चुनाव आयोग तक स्वम् पहुंच जायेगी, जिसके बाद उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी|