जनजातीय गौरव दिवस: दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा पर रखने के पीछे का क्या है कारण?
दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की है कि दिल्ली के सराय काले खां आईएसबीटी बस स्टैंड के पास स्थित बड़े चौक का नाम अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा। यह ऐलान भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर किया गया, जिसे पूरा देश में 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मना रहा है।
भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण
इस खास मौके पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे।
नाम बदलने का उद्देश्य
मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “आईएसबीटी के बाहर स्थित इस चौक का नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखने से न केवल दिल्ली के लोग बल्कि यहां आने वाले अंतरराज्यीय यात्रियों को भी प्रेरणा मिलेगी। इस चौक का नाम और यहां स्थापित प्रतिमा भगवान बिरसा मुंडा के महान कार्यों और उनके योगदान को हमेशा याद दिलाएगी।”
भगवान बिरसा मुंडा की उपलब्धियां
कार्यक्रम में अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधारों के लिए समर्पित था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और धर्मांतरण के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “जब पूरा देश और दुनिया के दो-तिहाई हिस्से पर अंग्रेजों का शासन था, तब बिरसा मुंडा ने अपने साहस और नेतृत्व से धर्मांतरण के खिलाफ आवाज बुलंद की। वह न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगा।”
कौन थे भगवान बिरसा मुंडा
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। वे एक जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आदिवासी समुदाय के हितों के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
इस निर्णय के साथ दिल्ली में भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को सम्मान देने का प्रयास किया गया है, जिससे उनकी प्रेरणादायक कहानी और उनके आदर्श लोगों तक पहुंच सके।