दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की शिकायत पर दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की है। दिल्ली सरकार ने अस्पताल पर कोरोना मानकों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह शिकायत दर्ज कराई है।
राजधानी दिल्ली के इस बड़े प्राइवेट अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। अधिकारी ने शिकायत में आरोप लगाया है संक्रामक रोग अधिनियम 1897 के तहत दिए गए निर्देशों का अस्पताल की ओर से उल्लंघन किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आज ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के कुछ अस्पताल बेड की कालाबाजारी कर रहे हैं। केजरीवाल ने कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने से मना करने वाले और बेड की कालाबाजारी में लिप्त अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक आदेश जारी करने वाली है कि अस्पताल ऐसे मरीजों का उपचार करने से इनकार नहीं कर सकते।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार सभी अस्पतालों में एक चिकित्सा पेशेवर को तैनात करेगी, जो आधिकारिक ऐप पर कोरोना वायरस मरीजों के लिए उपलब्ध बेड की सूचना देंगे और ऐसे मरीजों की भर्ती सुनिश्चित कराने का काम करेंगे। केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी सरकार एक आदेश जारी करने जा रही है कि कोई भी अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करेगा और ऐसे मरीजों की जांच करने और उपचार करने की भी उनकी जिम्मेदारी होगी।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अधिकतर अस्पताल अच्छे हैं लेकिन कुछ बेड उपलब्ध कराने के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि कालाबाजारी है। उन्होंने कहा, ''हम ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और वे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते। इसमें लिप्त माफिया को खत्म करने में कुछ समय लगेगा। ऐसे कुछ अस्पतालों की राजनीतिक पहुंच है लेकिन वे इस भुलावे में नहीं रहें कि उनके राजनीतिक आका उन्हें बचा लेंगे।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''कुछ निजी अस्पताल हैं, जो ऐसा कर रहे हैं। पहले वे कहते हैं कि बेड नहीं है और फिर मरीजों को भारी रकम जमा करने को कहते हैं। क्या यह बेड की कालाबाजारी नहीं है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को लेकर जानकारी मुहैया कराने के लिए मंगलवार को एक ऐप की शुरुआत की।