Tahir Hussain Bail Plea: दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को रहत नहीं, जमानत याचिका पर दोनों जज ने दी अलग - अलग राय
Tahir Hussain Bail Plea : सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर विभाजित आदेश दिया है। ताहिर हुसैन ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी गई थी। जस्टिस पंकज मिथल ने हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने उन्हें दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने की बात कही है।
न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने अलग राय रखते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता जमानत देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकती। 4 फरवरी, 2025 की दोपहर तक की शर्तों के अधीन जमानत दी गई।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने यह भी कहा कि, इसके अतिरिक्त यह आदेश दिया गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान उन पर एफआईआर या आरोपों का मुद्दा नहीं उठाने का सख्त दायित्व होगा। दी गई अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें जेल अधिकारियों के समक्ष तुरंत आत्मसमर्पण भी करना होगा।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, यह प्रस्तुत किया गया है कि सभी मामलों में उनके खिलाफ आरोप दंगाइयों को भड़काने और उन्हें रसद मुहैया कराने के हैं। उन्हें 8 समान मामलों में नियमित जमानत दी गई है। यह भी प्रस्तुत किया गया है कि यदि जमानत जनहित के विरुद्ध नहीं है तो उसे दी जा सकती है।
न्यायमूर्ति मिथल ने कहा कि, चूंकि हमारी राय अलग-अलग है, इसलिए रजिस्ट्री को इस मामले को तीसरे न्यायाधीश के गठन के लिए सीजेआई के समक्ष रखना चाहिए या इसे तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखना चाहिए।