अब दिल्ली के होटलों और गेस्ट हाउसों में भी चीनी नागरिकों की नो एंट्री

Update: 2020-06-25 10:11 GMT

नई दिल्ली। गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के मद्देनजर चीनी सामान के बहिष्कार के आह्वान के बाद अब दिल्ली के होटलों और गेस्ट हाउसों में भी चीनी नागरिकों की नो एंट्री का ऐलान किया गया है।

कैट के चीनी सामान के बहिष्कार के आह्वान पर गुरुवार को दिल्ली के बजट होटलों के संगठन दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन (धुर्वा) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इसकी घोषणा की है। कैट ने कहा कि चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली के होटल तथा गेस्ट हाउसों में अब से किसी भी चीनी व्यक्ति को नहीं ठहराया जाएगा। दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं।

दिल्ली होटल एवं गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है और उसने जिस तरीके से भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या की है, उसके बाद से दिल्ली के सभी होटल कारोबारियों में बेहद गुस्सा है। ऐसे समय में जब कैट ने देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है की अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल अथवा गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस बार चीन को सबक सिखाने में भारत के लोग दृढ़ संकल्प से जुड़ेंगे और दिसंबर 2021 तक चीन से आयात होने वाले सामान में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी करेंगे और वो 1 लाख करोड़ रुपये भारत की अर्थव्यवस्था में लगेगा।

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