ग्रहण का सूतक लगते ही दोपहर में बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट

Update: 2018-07-26 10:01 GMT

हरिद्वार। गुरु पूर्णिमा यानि शुक्रवार की रात्रि को होने वाले चन्द्र ग्रहण का प्रभाव मंदिरों पर भी पड़ेगा। ग्रहण काल का सूतक लगने के साथ ही मंदिरों के कपाट आरती के पश्चात बंद कर दिए जाएंगे। इस कारण श्रद्धालु शुक्रवार दोपहर दो बजे तक ही मंदिरों में भगवान के दर्शन कर सकेंगे।

बता दें कि चन्द्र ग्रहण शुक्रवार रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से आरम्भ होगा। जिसका सूतक दोपहर बाद 2 बजकर 54 मिनट से आरम्भ हो जएगा। सूतक लगने से पूर्व मंदिर भगवान के दर्शनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिरों में भगवान के दर्शन श्रद्धालु ग्रहण की समाप्ति पर यानि शनिवार प्रातःकर सकेंगे। शुक्रवार रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से आरम्भ होकर ग्रहण का मोक्ष 28 जुलाई को सुबी 3 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस दौरान ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटा 55 मिनट की रहेगी। हरिद्वार में होने वाली सांयकालीन गंगा आरती भी दोपहर 2 बजे हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार सूतक काल आरम्भ होने से पूर्व गुरु पूजन का कार्य सम्पन्न करना श्रेयस्कर होगा। सूतक काल में पूजन को निषेध बताया गया है। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार ग्रहण का शुभ और अशुभ प्रभाव राशियों पर भी पड़ेगा। मेष, वृष, कुंभ, सिंह, कन्या, धनु, मकर राशि वालों के लिए ग्रहण का प्रभाव शुभकारी नहीं रहेगा। मिथुन, तुला व वृश्चिक राशि वालों के लिए ग्रहण का प्रभाव शुभकारी होगा। बताया कि ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल में भगवाननाम स्मरण श्रेष्ठ उपाय है। बताया कि ग्रहण के पश्चात दान देना भी श्रेयष्कर होता हैं।

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