हरिद्वार। भाई-बहिन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन रविवार को मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा मिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व का सभी भाई-बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस पर्व पर भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। श्रावण पूर्णिमा को श्रावणी पर्व भी कहा जाता है। श्रावणी पर्व ब्राह्मण के लिए विशेष महत्व का पर्व है। इस दिन ब्राह्मण श्रावणी कर्म कर जनेऊ को अभिमंत्रित करते हैं और धारण करते हैं। इस कारण इस पर्व को लेकर ब्राह्मणों में खासा उत्साह रहता है।
इस बार रक्षा बंधन पर खास बात यह है कि इसमें रक्षा बंधन को लेकर किसी भी प्रकार के असमंजस की स्थिति नहीं है और न ही भद्रा का साया है। इस कारण पूरे समय रक्षा बंधन मनाया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि शनिवार को दोपहर बाद 3 बजकर 17 मिनट से आरम्भ हो जाएगी। जो रविवार 26 अगस्त की सांय 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। शनिवार की प्रातः 9 बजकर 15 मिनट से श्रावणी नक्षत्र भी आरम्भ हो जाएगा, जो रक्षा बंधन के लिए शुभ माना जाता है। शनिवार दोपहर बाद से पूर्णिमा लग जाने के बाद भी रक्षाबंधन का पर्व रविवार 26 अगस्त को ही मनाया जाएगा। उदय तिथि में पूर्णिमा होने के कारण रविवार को ही रक्षा बंधन मनाया जाएगा और इसी दिन ब्राह्मण श्रावणी कर्म करेंगे। श्री शुक्ला ने बताया कि रविवार को प्रातः 6 बजकर 04 मिनट से लेकर सांय 4 बजकर 20 मिनट तक रक्षा बंधन का शुभ मुहुर्त है। हालांकि पूर्णिमा सांय 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। रविवार को सांय 4 बजकर 20 मिनट से 6 बजे तक राहुल काल होने के कारण रक्षा बंधन मनाना शुभ नहीं होगा। इस कारण रविवार को सांय 4 बजकर 20 मिनट से पूर्व रक्षाबंधन मनाना शुभ होगा। बताया की इस बार रक्षाबंधन पर चंद्र व गुरु का गजकेशरी योग बन रहा है जो की सूर्योदय से लेकर देर रात्रि तक रहेगा। गुरु इस दिन तुला राशि में होंगे व चन्द्रमा कुम्भ राशि में होंगे इस कारण दोनों आपस में नवम पंचम रहेंगे। गजकेशरी योग में राखी बांधना शुभकारी होता है। इस योग में रक्षा बंधन करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।