महासंयोग में घर आएंगे गौरी पुत्र गणेश, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें मूर्ति स्थापना

Update: 2018-09-13 04:33 GMT

नई दिल्ली। भाद्र पद्र शुक्ल पक्ष चुतर्थी 13 सितम्बर गुरुवार से 23 सितम्बर तक गणेश उत्सव की धूम रहेगी। जिसकी तैयारी शहर और मंदिरो में बड़े ही जोर शोर से की जा रही है ज्ञान एवम वृद्धि तथा रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश का यह उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है। रोजाना गणेश जी की मूर्ति की पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर एक ओर जहां पंडालों में गौरी पुत्र गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमा की स्थापना करते है वहीं दूसरी ओर भक्त अपने घरों में भी गजानन को विराजमान करते है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार, इस वर्ष गणेश स्थापना के समय ग्रहों नक्षत्रों और योगों का महासंयोग इस बार गणपति बप्पा अपने साथ लेकर आये है। इस दिन स्थापना के समय 'सिद्धि योग', 'रवियोग', तथा राशि में 'सूर्य, बुध' का आदित्य योग एवं तुला राशि में गुरु चन्द्रमा एक साथ होने से गजकेसरी योग भी बन रहा है। बता दें कि स्थापना के समय एक साथ यह चार योग होने से महासंयोग बना है महासंयोग के साथ स्वाति नक्षत्र और स्थिर योग भी रहेगा। तथा 13 सितम्बर को गुरुवार होने के कारण गणेश कृपा के साथ गुरु कृपा भी भक्तों को प्राप्त होगी। वहीं धन संपदा और ज्ञान, बुद्धि इस महासंयोग में भक्तों को प्राप्त होगी।

लोग शुभ मुहुर्त के हिसाब से गणपति को घर में स्थापित करना चाहते हैं ताकि पूजा का सही फल मिल सके। आप भी अपने घर में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो जानें क्या है गणपति स्थापना का तरीका,पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त।

शुभ मुहूर्त :-

इस बार गणेश जी की पूजा प्रारम्भ करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बज कर 52 मिनट पर शुरू होगा। दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक स्थापना का समय शुभ है।

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