जगदलपुर/स्वदेश वेब डेस्क। करवा चौथ के त्यौहार में सुहागिनें व्रत रखकर अपने पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे वर की कामना कर इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। श्रंगार सामग्री से लेकर कपड़े, गहने, मेंहदी तथा नई चूड़ियां धारण कर विवाहिताएं व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन कर ही फलाहार ग्रहण करती हैं।
त्यौहार को देखते हुए महिलाओं ने खरीददारी शुरू कर दी है। खासतौर पर श्रंगार का सामान और नये कपड़े खरीदने का ज्यादा क्रेज रहता है। सज-संवरकर महिलाएं शाम को मंदिर तथा घरों में पूजा करती हैं तथा रात को चंद्र दर्शन के बाद ही अन्न ग्रहण करती हैं।
नगर की वरिष्ठ महिलाओं संध्या जैन, प्रीति मोदी ने जानकारी दी कि सुहागिनें अपने पति के लंबे उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं, वहीं युवतियां भी योग्य वर की कामना के साथ निर्जला उपवास करती हैं। 27 अक्टूबर को अल सुबह व्रत रखने वाली महिलाएं फल तथा मिठाई का सेवन करेंगी, उसके बाद दिन भर उपवास रहेंगी। कुछ महिलाएं शाम को कथा सुनने के बाद चाय तथा काफी पी लेती हैं, जबकि ज्यादातर रात को चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। दशहरे के बाद अब करवाचौथ को लेकर महिलाओं की भीड़ कपड़ा तथा फैंसी स्टोर पर बढ़ रही है, उसके बाद धनतेरस और दीवाली का माहौल बन जाएगा।
इस पर्व की तैयारियों में महिलायें जुटी हुई हैं। साज-श्रृंगार व सुहाग सामग्रियों की खरीददारी के अलावा घरों की साफ-सफाई व पूजन सामग्री जुटाने में व्यस्त हैं। शहर के गोल बाजार स्थित फैंसी दुकानों के अलावा कपड़े आदि की दुकानों में भी भारी भीड़ देखी जा रही है। हमारी परम्पराएं सनातन काल से चली आ रही हैं इन्हीं परम्पराओं में से एक परम्परा करवा चौथ है। पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए किया जाने वाला ये पर्व विवाहित स्त्री के जीवन में सुख, समृद्धि उमंग व खुशी लेकर आता है।