धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं ?

Update: 2019-10-25 14:33 GMT

नई दिल्ली। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोतशी को यानी आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजा, धनवंतरि भगवान की पूजा और नए वाहन, आभूषण बर्तनों की खरीदारी का चलन है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सोने या चांदी का सामान और बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा आती है और संपन्नता आती है। मान्यता है कि धनतेरस को खदीदारी करने से धन का भंडार कभी खाली नहीं होगा। राशियों के अनुसार खरीदारी करने पर वर्ष भर धन, सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट से प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस के दिन आयु, अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए भगवान धन्वन्तरि और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। आगे पढ़ें, राशि के अनुसार खरीदारी और धनतेरस के बारे में सबकुछ-

अपनी राशि के अनुसार धनतेरस की खरीदारी

मेष: ताम्र पात्र, फूल के बर्तन, स्वर्ण आभूषण, स्वर्ण के सिक्के

वृष: चांदी के सिक्के, बर्तन व आभूषण, हीरे की अंगूठी या जेवर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वस्त्र, वाहन

मिथुन: वस्त्र, चांदी के सिक्के और आभूषण, हीरे के आभूषण, चांदी के पात्र और वाहन

कर्क: स्वर्ण आभूषण, ताम्बे के बर्तन, फूल की थाली, सोने के सिक्के, चांदी के सिक्के और आभूषण

सिंह: स्वर्ण के सिक्के, आभूषण, ताम्र और फूल के पात्र, धार्मिक पुस्तक और कलम

कन्या: हरे या नीले रंग का वस्त्र, चांदी के सिक्के, हीरा, वाहन तथा चांदी के पात्र

तुला: वाहन, चांदी तथा हीरे के सामान, वस्त्र और स्टील के बर्तन

वृश्चिक: ताम्बे के पात्र, पूजा सामान, स्वर्ण आभूषण, धार्मिक पुस्तक, फूल के बर्तन

धनु: धार्मिक पुस्तक, स्वर्ण के सिक्के और आभूषण, फूल के पात्र, वाहन

मकर: लोहे के सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, चांदी के सिक्के, चांदी और हीरे के आभूषण

कुंभ: लोहे के सामान, इलेक्ट्रानिक सामान, स्टील के बर्तन,चांदी और हीरे के आभूषण

मीन: धार्मिक पुस्तक, सोने के आभूषण व सिक्के, ताम्बे और फूल के बर्तन, वाहन, जमीन या मकान

धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाड़ू?

धनतेरस या धन त्रयोदशी पर खरीदारी की परंपरा है। मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गयी वस्तु का नाश नहीं होता और इसमें तेरह गुनी वृद्धि होती है। आम लोग इसलिए धनतेरस पर सोना, चांदी, भूमि, वाहन और घर में इस्तेमाल आने वाली चीजों की खरीदारी करते हैं। इन वस्तुओं के साथ झाड़ू खरीदने की भी अनोखी परंपरा है। लोग सोना-चांदी या उसके गहने खरीदें या नहीं पर झाड़ू जरूर खरीदते हैं। धनतेरस के दिन हर शख्स के हाथ में एक झाड़ू जरूर दिख जाता है। ज्योतिषाचार्य पीके युग ने मत्स्य पुराण के हवाले से बताया कि झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। 

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