ग्वालियर। सनातन हिंदू धर्म में पूर्णिमा का काफी महत्व होता है। आगामी18 मई को बैशाख माह की पूर्णिमा पड़ रही है, इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। बुद्घ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने अपना 9 वां अवतार भगवान बुद्घ के रूप में लिया था।
ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस बार बुद्ध पूर्णिमा बहुत ही शुभ मुर्हूत में मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ग्रहों की दशा के कारण समसप्तक राजयोग योग बन रहा है। इस दिन शुभ कार्यों के स्वामी देवगुरु बृहस्पति व नवग्रहों के राजा सूर्यदेव आमने सामने रहेंगे। इन दोनों के आमने सामने रहने से समसप्तक राजयोग बनेगा। समसप्तक राजयोग होने के कारण 18 मई को सभी कार्यों में स्थायित्व के साथ उन्नति होगी। भूमि, भवन, वाहन, पदभार ग्रहण करना और नया व्यापार आदि के शुभारंभ के लिए 18 मई का दिन काफी महत्वपूर्ण और मंगलकारी है।
गंगा में बुद्घपूर्णिमा को स्नान करने से होता है पापों का नाश
सनातन धर्म में अनुसार बुद्घ पूर्णिमा को बैशाख पूर्णिमा और सिद्घ विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी के तट पर स्नान करने से कई तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख शांति आती है। एक मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र सुदामा जब द्वारिका में उनसे मिलने पहुंचे थे तो भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें बैशाख पूर्णिमा के व्रत व विधान को बताया था। इस दिन शास्त्रीय पद्घति से भगवान विष्णु का पूजन और सुगंधित पदार्थों से पूजन शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन अन्न व तिल्ली दान करने का भी महत्व माना जाता है। साथ ही गरीब कन्याओं के विवाह में मदद हवन, तर्पण, दीनदान आदि का भी महत्व माना जाता है।
यह पड़ेगा राशियों पर प्रभाव
बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे समसप्तक योग का विभिन्न राशियों पर प्रभाव रहेगा।
मेष- कार्यो में सफलता मिलेगी।
वृषभ- अनावश्यक खर्चे होंगे।
मिथुन- नई नौकरी की चाहत पूरी हो सकती है।
कर्क- प्रेम में सफलता मिलेगी।
सिंह- नए संपर्क होंगे।
कन्या- कानूनी उलझने हो सकती हैं।
तुला- धनप्राप्ति होगी।
वृश्चिक- गुप्त शत्रु करेंगे परेशान।
धनु- संतान से सुख मिल सकता है।
मकर - व्यर्थ का तनाव होगा।
कुंभ- पराक्रम में वृद्घि होगी।
मीन- धनलाभ व कार्य का विस्तार होगा।