नई दिल्ली। साल 2019 का दूसरा सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को यानी 2 और 3 जुलाई की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार यह खग्रास सूर्यग्रहण आधी रात में होने की वजह से भारत में दृश्य नहीं होगा। भारत में सूर्य ग्रहण के समय रात होगी इसलिए यहां इसका कोई असर नहीं होगा।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ अमावस्या को सूर्य ग्रहण होगा। इस दिन भौमवती अमावस्या है। आपको बता दें कि यह साल 2019 का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जबकि इससे पहले 6 जनवरी को आंशिक सूर्य ग्रहण हुआ था। इसके बाद अब 16 जुलाई को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। फिर 2019 का आखिरी ग्रहण और तीसरा सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को होगा, जिसे भारत में देखा जा सकेगा। 26 दिसंबर को वलयकार सूर्य ग्रहण होगा।
दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण मध्य अमेरिका और अर्जेंटीना में 2 जुलाई को लगभग पांच घंटे के लिए पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 2 जुलाई की रात लगभग 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा। इसके बाद 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा और रात 2 बजकर 22 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
इन देशों में दिखेगा 2 जुलाई का पूर्ण सूर्य ग्रहण...
ला सेरेना, सैन जुआन, ब्रागाडो, जूनिन औररियो कुआर्टो, चिली और अर्जेंटीना के कुछ शहर हैं जहां से सूर्यग्रहण दिखाई देगा। चिली में सैंटियागो, ब्राजील में साओ पाउलो, अर्जेंटीना में ब्यूनस आयर्स, पेरू में लीमा, उरुग्वे में मोंटेवीडियो और पैराग्वे में असुनसियन कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहाँ सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
किस समय दिखेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण...
यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 2 जुलाई की रात लगभग 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा। इसके बाद 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा और रात 2 बजकर 22 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
वैसे तो यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से इसका कोई विशेष धार्मिक महत्व नहीं है और न ही यहां कोई सूतक काल होगा। लेकिन फिर भी धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्त शिव चालिसा का पाठ के अलावा कुछ और काम भी कर सकते हैं। भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बहुत ज्यादा महत्व है। इसका सीधा मानव जीवन सहित सभी जीव जन्तुओं पर पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय कुछ खाया नहीं जाता है और न ही कुछ नया काम शुरू किया जाता है। गर्भवती महिलाओं का इस समय विशेष ध्यान रखना होता है। साथ ही आप अपने पूजा स्थान को कपड़े से ढ़ककर रखें। सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए।
धार्मिक मान्यतानुसार सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण में गंगा स्नान से श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान करना भी बहुत अच्छा रहता है। इसलिए गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल,काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर दान से खास लाभ मिलेगा।
- ग्रहण न देखें।
- नुकीली चीज का प्रयोग न करें।
- कपड़े न सिलें अर्थात सुई का प्रयोग न करें।
- ग्रहण के दौरान चाकू का प्रयोग न करें।
- ग्रहण के बाद स्नान करें।
- अपने ईष्ट देव को याद करें। साथ ही ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा दें।