चंद्र की सोलहवीं कला में आज मनेगी शनि अमावस्या

Update: 2019-05-04 06:39 GMT

ग्वालियर। ग्रहों की सत्ता व विक्रमी संवत के राजा शनि के राज्य में इस बार वैशाख माष की शनि अमावस्या आज शनिवार को मनाई जाएगी। इसी के साथ मंगल-शनि का षडाष्टक योग के साथ आयुष्मान योग का भी संयोग रहेगा, जो जातकों को अभिष्ट फल देने वाला होगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी ने बताया कि वैशाख माष की शनि अमावस्या को सतुवाई अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदी पंचांग एक माह में 15-15 दो पक्षों के में बंटा होता हैं। एक होता है कृष्णपक्ष और दूसरा शुक्लपक्ष। श्री सोनी ने बताया कि शास्त्रों में चन्द्रमा की सोलह कलाएँ होती है सोलहवीं कला को अमावस्या कहा जाता हैं इसमें चंद्र की सभी कलाओं की शक्तियाँ शामिल होती है इसका क्षय और उदय भी नहीं होता हैं इस सम्बन्ध के स्कन्द पुराण में लिखा हैं कि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव माने गए है इसलिए अमावस्या पर पित्रों की तृप्ति के लिए तर्पण, श्रद्धा कर्म और दान-पुण्य करना चाहिए इसके साथ ही किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए

क्या करें शनि अमावस्या के दिन

माता पिता का अपमान न करें। बहन भांजी व गुरु को दान करें। पूर्वजों का श्रद्धा करें। मास-मदिरा का उपयोग कतई न करें। पीपल पर तेल का दीपक जलायें। काले उड़द का हलवा, काले तिल से बने लड्डू का भोग शनि देव को लगाये इन उपाय से साढ़े साती ढैया व शनि की विपरीत दिशा होने से लाभ की प्राप्ति होगी। 

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