हजार एकादशी का फल देने वाला है यह व्रत, पढ़े पूरी खबर

Update: 2019-08-20 16:03 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है । 'भविष्य पुराण' में लिखा है कि 'जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता ।'

एकादशी का व्रत हजारों-लाखों पाप नष्ट करनेवाला अद्भुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है । एकादशी के दिन जो संयम होता है उससे ज्यादा संयम जन्माष्टमी को होना चाहिए । बाजारू वस्तु तो वैसे भी साधक के लिए विष है लेकिन जन्माष्टमी के दिन तो चटोरापन, चाय, नाश्ता या इधर-उधर का कचरा अपने मुख में न डालें । इस दिन तो उपवास का आत्मिक अमृत पान करें । अन्न, जल तो रोज खाते-पीते रहते हैं, अब परमात्मा का रस ही पियें । अपने अहं को खाकर समाप्त कर दें ।

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