1 जुलाई से शुरू होगा चतुर्मास, शिव संभालेंगे धरती की कमान

Update: 2020-06-30 08:18 GMT

वेबडेस्क। देवशयनी एकादशी 1 जुलाई को है। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विश्राम काल आरंभ हो रहा है।  पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और 4 चार महीनों बाद जागते हैं। इस दौरान सृष्टि की कमान भगवान शिव के हाथों में रहती है। देवशयनी एकादशी के दिन से ही चार्तुमास आरंभ हो जायेंगे।  जो देवउठनी एकादशी के दिन 25 नवंबर को समाप्त होंगे।  इसी दिन भगवान विष्णु दोबारा शयन कक्ष से बाहर आ जायेंगे। 

चार्तुमास आरंभ होते हैं भगवान विष्णु धरती का कार्य भगवान शिव को सौंप देते हैं।  इसीलिए चतुर्मास में भगवन शिव की पूजा का विशेष महत्व है। सावन का महीना भी चातुर्मास में आता है।  इसलिए यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि चार्तुमास में भगवान शिव धरती का भ्रमण करते हैं।  इस दौरान भगवान शिव उन लोगों को दंडित करने का भी कार्य करते हैं जो गलत कार्य करते हैं।  वहीँ भगवान शिव उन लोगों पर अपना विशेष आर्शीवाद देते हैं जो उनकी पूजा करता है और धरती को सुंदर बनाने का प्रयास करता है।  

देवशयनी के बाद सभी मुहूर्त खत्म हो जायेंगे। इसके बाद अगला विवाह मुहूर्त 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसी दिन से विवाह मुहूर्त शुरू हो जायेंगे।  इस साल देव उठनी एकादशी के बाद 25  नवंबर से 14 दिसंबर तक सिर्फ  12 शुभ मुहूर्त ही हैं। जिनमें नवंबर में 2 और दिसंबर में 10 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। 



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