ग्वालियर। 23 वर्षों के बाद अक्षय तृतीया पर शुक्र, चंद्र, रोहिणी नक्षत्र एवं गुरु का योग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र होने से देश और विश्व के लिए यह समय सुखद होने वाला है। इस योग से देश और विश्व में फेले कोरोना वायरस का प्रभाव भी कम होने लगेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार अक्षय तृतीया पर शुक्र व चंद्र की युति वृषभ राशि में रहेगी। वृषभ, शुक्र की राशि है और चंद्र की उच्च राशि है। इस दिन नक्षत्र भी रोहिणी रहेगा। यह योग अब से 23 वर्ष पहले बना था। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि आखा तीज पर रोहणी नक्षत्र ना हो तो बुरी शक्तियों को बल मिलता है, लेकिन इस वर्ष अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में होता है। वृषभ चंद्रमा की उच्च राशि है। चंद्रमा वनस्पतियों का स्वामी होने के साथ ही धन और मन का कारक भी होता है। अक्षय तृतीया को रोहिणी नक्षत्र होने से देश और विश्व के लिए आने वाला समय शुभ कारक होने के योग हैं। इस दिन से फैली हुई महामारी का प्रकोप भी कम होने लगेगा।
इस दिन क्या करें:-
ज्योतिषाचार्य के अनुसार अक्षय तृतीया पर किए गए दान, पुण्य एवं जप-तप का अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन जो गेहूँ, चना, दही, चावल, फलों का रस एवं जल से भरा कलश अनाज आदि का दान करना चाहिए। वहीं छाता, जूते-चप्पल का दान भी करना चाहिए। अक्षय तृतीया पर पितरों के लिए विशेष पूजा अर्चना करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन साधना, भजन, जब एवं तप करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।