सनातन संस्कृति में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व, जानिए किस दिन, कौन सी तिथि

Update: 2021-09-18 13:04 GMT

वेबडेस्क। सनातन संस्कृति में श्राद्ध का विशेष महत्व है।शास्त्रों के अनुसार पितरों का तर्पण पुत्र एवं पौत्र का कर्तव्य माना गया है। पितरों के तर्पण के लिए श्राद्ध पक्ष बनाया गया है।  श्विन मास महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जो आश्विन अमावस्या तिथि तक समाप्त हो जाते है।  इस दौरान सभी लोग अपने पितरों का उनकी तिथि के अनुसार श्राद्ध और तर्पण करते है।  इस साल श्राद्ध पक्ष 20 सितंबर से शुरू हो रहे है, जोकि 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे।

आइए हम आपको बताते है की किस दिन कौनसा श्राद्ध है - 

पितृपक्ष में श्राद्ध की तिथियां- :

  • पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर 2021
  • प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर
  • द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर
  • तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर
  • चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर
  • पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर
  • षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर
  • सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर
  • अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर
  • नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर
  • दशमी श्राद्ध - 1 अक्टूबर
  • एकादशी श्राद्ध - 2 अक्टूबर
  • द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर
  • त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्टूबर
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर
  • अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर
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