नई दिल्ली। भारत के शानदार लेग स्पिनर यजुवेंद्र चहल ने कहा कि शतरंज ने उन्हें खेल में संयम रखना सिखाया। चहल ने रविवार को चेस डॉट कॉम द्वारा आयोजित ऑनलाइन ब्लिट्ज टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और इसी दौरान उन्होंने यह बयान भी दिया।
दरअसल, चहल क्रिकेट में एंट्री लेने से पहले भारत का प्रतिनिधित्व चेस के खेल में कर चुके हैं और वह अंडर-12 में राष्ट्रीय चैंपियन भी रह चुके हैं। उन्होंने भारत की ओर से विश्व युवा चेस चैम्पियनशिप में हिस्सा भी लिया था। विश्व शतरंज महासंघ की वेबसाइट पर चहल की ईएलओ रेटिंग 1956 है।
हरियाणा के रहने वाले इस गेंदबाज ने टूर्नामेंट से पहले ग्रैंडमास्टर अभिजीत और इंटरनेशनल मास्टर राकेश कुलकर्णी से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि चेस ने मुझे संयम रखना सिखाया। उन्होंने कहा, 'क्रिकेट में आप भले ही अच्छी गेंदबाजी करते हों। मगर कई बारी आपको विकेट नहीं मिल पाता है। ठीक उसी तरह टेस्ट मैच में एक दिन आपको विकेट ना मिले तो आपको अगले दिन संयम रख कर फिर से कोशिश करनी होती है। इसी चीज में शतरंज ने मेरी काफी मदद की है।'
चहल से शतरंज के बजाय क्रिकेट चुनने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे क्रिकेट में ज्यादा दिलचस्पी थी। पापा ने मुझसे कहा कि यह अब तुम्हारी मर्जी है। मैंने क्रिकेट को चुना।' चहल ने भारत के लिए अबतक 52 वन डे मुकाबले खेले हैं। वहीं, 42 टी20 मुकाबलों में भी वह भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं।