नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने के बाद आईपीएल का इस साल का आयोजन अधर में लटक गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन को 14 अप्रैल से बढ़ाकर तीन मई करने की घोषणा की। इसी बीच समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बीसीसीआई सूत्रों ने कहा है कि जैसा कि सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ाया, वैसे ही इंडियन प्रीमियर लीग को भी फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। हालांकि बीसीसीआई ने अभी तक आईपीएल को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लॉकडाउन बढ़ने और देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए अब बीसीसीआई के पास आईपीएल को कराने को लेकर दो-तीन ऑप्शन है।
बीसीसीआई के पास एक विकल्प यह है कि यदि आईसीसी टी-20 विश्वकप (18 अक्टूबर से 15 नवंबर) को स्थगित करती है तो वह आईपीएल को अक्टूबर-नवंबर में करा सकता है। बीसीसीआई को इसके लिए व्यस्त कैलेंडर में जगह निकालने के लिए या तो आईसीसी से आग्रह करना होगा या फिर टूर्नामेंट के आकार को छोटा करना होगा। इसके अलावा टूर्नामेंट को दर्शकों के बिना कराने को लेकर भी चर्चाएं हैं।
इसमें अड़चन यह है कि दुनिया भर में कोरोना के कारण जैसे हालात हैं उसके मद्देनजर सात सप्ताह के इस टी-20 टूर्नामेंट को पूरे स्वरुप में आगे करा पाना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि इंटरनेशनल कैलेंडर काफी व्यस्त है। इस समय दुनिया भर में क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी हुई हैं और जब अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर फिर से शुरू होगा तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और देशों की पहली प्रतिबद्धता अंतरराष्ट्रीय मैचों को पूरा करने की होगी।
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष धूमल ने हाल ही में कहा था कि मुझे एक बात बताइए। अगर ऑस्ट्रेलिया में छह महीने के लिए लॉकडाउन है तो वे अपने खिलाड़ियों को अगले महीने आने की अनुमति कैसे देंगे। यात्रा पर पाबंदियां जारी रहने पर क्या होगा। यह नहीं भूलना चाहिए कि बाकी बोर्ड से भी रजामंदी लेनी होगी।' उन्होंने कहा कि भारत में लॉकडाउन खत्म होने पर भी कुछ बड़े शहर कोविड-19 हॉटस्पॉट रहते हैं, तो क्या हम अपने खिलाड़ियों की जान जोखिम में डालेंगे। फिर खिलाड़ी महीनों तक प्रैक्टिस के बिना कैसे खेलेंगे।