Champions Trophy 2025: "तालिबान के निशाने पर लड़कियों की आज़ादी"...ब्रिटिश नेताओं का विरोध, अफगानिस्तान क्रिकेट पर मंडराया संकट
ECB Urged to not play match with Afghanistan in CT: तालिबान सरकार के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की ज़िंदगी बदतर हो गई है। उनकी आज़ादी पर कठोर पाबंदियां लगाई गईं, जिससे खेल और शिक्षा का दायरा सिमट गया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस सख्ती के खिलाफ अफगानिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध खत्म कर दिए, और अब दोनों टीमें केवल आईसीसी टूर्नामेंट्स में आमने-सामने होती हैं। इस स्थिति ने अफगान क्रिकेटरों को गहरी चोट पहुंचाई है।
ओलंपिक में भाग लेने के लिए कई महिला एथलीटों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। अब 160 से अधिक ब्रिटिश राजनेताओं के एक समूह ने तालिबान के इन दमनकारी कदमों के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए अफगानिस्तान के साथ खेल संबंध पूरी तरह खत्म करने की मांग की है।
🚨 ECB URGED TO WITHDRAW FROM CHAMPIONS TROPHY GAME VS AFGHANISTAN 🚨
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 7, 2025
- Over 160 UK politicians want ECB to forfeit match Vs Afghanistan in 2025 CT due to Taliban's restrictions on women's rights.
- ECB condemns Taliban's restrictions, but says they cannot forfeit. (Sky News). pic.twitter.com/ERxVzojE9n
तालिबान की क्रूर नीतियों के खिलाफ आवाज
160 से अधिक ब्रिटिश राजनेताओं के एक समूह ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड से आग्रह किया है कि वे अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करें। उनका मानना है कि यह कदम तालिबान शासन के तहत महिलाओं और लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक मजबूत संदेश होगा। 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद महिलाओं के अधिकारों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए, जिसमें खेलों में उनकी भागीदारी पर पूरी तरह रोक भी शामिल है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने महिला क्रिकेट को समाप्त करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियमों का उल्लंघन किया है। ब्रिटिश नेता चाहते हैं कि क्रिकेट के जरिए तालिबान के इन अमानवीय कदमों पर वैश्विक विरोध दर्ज किया जाए।
ब्रिटिश राजनेताओं का आग्रह
इंग्लैंड क्रिकेट टीम 26 फरवरी को लाहौर में चैंपियंस ट्रॉफी के तहत अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबला करेगी। इस बीच, हाउस ऑफ कॉमंस और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के एक महत्वपूर्ण क्रॉस-पार्टी में रिफॉर्म यूके के नेता निगेल फराज और लेबर पार्टी के पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन शामिल हुए। इन दोनों नेताओं ने इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ECB) से अफगानिस्तान में तालिबान शासन के तहत महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे भयानक व्यवहार पर आवाज उठाने की अपील की है। बावजूद इसके, अफगानिस्तान को ICC के आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाती है। इस मुद्दे पर ECB के CEO रिचर्ड गोल्ड ने कहा कि सभी सदस्य देशों से समान दृष्टिकोण अपनाना सबसे उचित तरीका होगा।