इंदौर: MPPSC प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज, सीएम से मिलने वाले दो अभ्यर्थियों का नाम भी शामिल
इंदौर, मध्यप्रदेश। इंदौर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा दो थानों में अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रदर्शन करने और भीड़ इकठ्ठा करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में उन दो अभ्यर्थियों को भी आरोपी बनाया गया है जिन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की थी।
पुलिस द्वारा लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन करने के मामले में कोचिंग संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है। प्रदर्शन करने वाले राधे जाट, रणजीत किशन वंशी, प्रशांत राजावत, गोपाल प्रजापति, अरविन्द भदौरिया, कुलदीप सरकार और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस प्रदर्शन का आयोजन नेशनल एडुकेटेड स्टूडेंट यूनियन के द्वारा किया गया था।
एफआईआर दर्ज होने पर नेशनल एडुकेटेड स्टूडेंट यूनियन ने कहा कि, 'MPPSC आंदोलन के आयोजकों व समर्थन करने वाले कोचिंग संचालक एवं Liberary पर FIR होना बहुत निराशाजनक निर्णय लगा, जबकि मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल से स्वयं मुलाकात करके सकारात्मकता दिखाई थी।'
बता दें कि, रविवार तड़के इंदौर कलेक्टर ने अभ्यर्थियों का अनशन ख़त्म कराया था। अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया गया था कि, उनकी मांगों को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी जो इस मामले में विचार करेगी। सुबह 4 बजे तक सभी अभ्यर्थी प्रदर्शन समाप्त कर लौट गए थे। इसके बाद जानकारी सामने आई थी कि, पांच अभ्यर्थियों का दल मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रवाना हो गया है। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद नेशनल एडुकेटेड यूथ यूनियन ने बताया था कि, उनकी यह मांगे पूर्ण होने जा रहीं हैं -
1. 87% वाले सभी छात्रों की कॉपी दिखाई जाएगी।
2. अधिकतम पोस्ट पर भर्ती होगी।
3. इंटरव्यू के मार्क्स कम होगे एवं बिना पहचान के आयोजित होंगे।
4. 87/13 का शीघ्र निराकरण होगा।
5. MPPSC में सुधार हेतु एक कमेटी का निर्माण होगा(एक सदस्य छात्रों की ओर से रहेगा, देश के सभी राज्य आयोग के नियमों का परीक्षण करके MPPSC में युक्तियुक्त सुधार किए जाएंगे)
6. सहायक प्राध्यापक के साक्षात्कार जल्द आयोजित होगे।
7. सरकार भर्ती प्रक्रिया में सुधार हेतु एक पोर्टल बनाएगी जिसमें छात्रों से सुझाव लिए जाएंगे।