मंदिर के लिए भाजपा विधायक ने बदला लिबास: आरोप - न्यायालय का फैसला आने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटा रहा प्रशासन…

Update: 2024-12-23 06:25 GMT

भोपाल। रीवा जिले के मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने देवरा महादेवन मंदिर से अतिक्रमण हटाने को लेकर अपना लिबास ही बदल लिया है। पुलिस द्वारा पिछले महीने जेल भेजे जा चुके विधायक प्रदीप पटेल का कहना है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि वे मंदिर से अतिक्रमण हटने तक इसी वेशभूषा में रहेंगे।

उन्होंने कहा कि न्यायालय से निर्णय हो चुका है कि मंदिर से अतिक्रमण हटाया जाए, फिर प्रशासन न्यायालय के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहा है। प्रदीप पटेल मंदिर से अतिक्रमण हटाने की जिद क्यों कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने “स्वदेश” से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि मंदिर से अतिक्रमण हटाने को लेकर जिद नहीं मैने संकल्प लिया है। संकल्प पूरा होने तक मैंने अपना पहनावा (संत) भी बदल लिया है। दरअसल, मंदिर के पुजारी ने मुझसे कहा था कि मंदिर को तुड़वा दीजिए।

पुजारी की बात सुनकर अचंभित हुआ। वजह पूछी तो पुजारी ने कहा कि मैं गंदगी उठाने को तैयार हूं, लेकिन भगवान का अपमान नहीं सह सकता हूं। फिर मैंने प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए कहा। न्यायालय का भी आदेश है।

जब प्रशासन ने अतिक्रमण नहीं हटाया तो ेखुद पहुंच गया। अभी कुछ अतिक्रमण और रहा गया है, जिसे भी हटवाऊँगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन प्रशासन को करना है। जब प्रशासन नहीं करेगा तो फिर हमको करना पड़ेगा। मंदिर परिसर में दीवार लांघकर गंदगी फेंकी जा रही। भगवान को भी नहीं छोड़ा जा रहा था। ये बर्दाश्त से बाहर था।

प्रशासन द्वारा जेल भेजने के सवाल पर विधायक पटेल ने कहा कि जेल नहीं भेज, पुलिस ने कुछ दिनों के लिए नजरबंद किया था। जैसे ही मुक्त हुआ उसी काम में लग गया। मैंने प्रशासन से निवेदन किया है कि वे संविधान के दायरे में रहकर काम करें। न्यायालय के आदेश का पालन करें।

मंदिर 300 साल पुराना, 1980 में बुलाए कुछ लोग

विधायक ने कहा कि मंदिर तो 300 साल से भी ज्यादा पुराना है। मंदिर की 9 एकड़ 27 डिसमिल भूमि है। 1980 में आसपास के गांवों के कुछ लोगों को मंदिर की इसी जमीन पर अस्थाई रूप से बसाया गया। बाद में लोगों ने घर बना लिए। अब स्थिति यह हो गई कि मंदिर में घुसने लगे। पूजा में व्यवधान पैदा किया जाने लगा है। मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का विवाद न्यायालय में पहुंचा। न्यायालय ने मंदिर के पक्ष में फैसला दिया है।

पहले से जमा कर लिए थे पत्थर

विधायक पटेल ने कहा कि प्रशासन को पहले ही सूचना दी थी। जब अतिक्रमण हटाने गए थे। तब अधिकारी पहुंचे। मैंने दोनों को प्रणाम भी किया था। जब कुछ अतिक्रमण हटा। तब दूसरे पक्ष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया था। हमारा पक्ष बचाव में लगा था।

फिर पुलिस ने मुझे नजरबंद किया। दिन बाद फिर छोड़ा तो फिर मैं देवरा स्थित महादेवन मंदिर पहुंच गया। जहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। मुझे फिर नजरबंद किया गया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाते समय सामने से पत्थरबाजी शुरू हुई थी। पहले महिलाओं को आगे किया। फिर पत्थरबाजी शुरू कर दी। दूसरे पक्ष के लोगों ने पहले से ही पत्थर जमा कर लिए थे। इस मामले में प्रशासन ने क्या कार्रवाई मेरी जानकारी में नहीं है। 

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