प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार को मप्र के सभी जिलों में साइबर तहसील का शुभारंभ करेंगे
शिवप्रसन्न शुक्ल ने बताया कि साइबर तहसील व्यवस्था प्रारंभ होने से प्रदेश में राजस्व प्रकरणों का निराकरण अत्यंत कम समय में हो जाएगा। भू अभिलेखों में अमल के बाद भू-अभिलेखों एवं आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि संबंधित पक्षकार को मिल सकेगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश के राजस्व प्रशासन सुधार में साइबर तहसील व्यवस्था के माध्यम से नागरिकों के हित में अभूतपूर्व परिवर्तन होने जा रहा है। आज (गुरुवार) प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ साइबर तहसील का शुभारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाम चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'विकसित भारत विकसित मध्य प्रदेश' कार्यक्रम में जुड़ेंगे और मध्य प्रदेश में साइबर तहसील परियोजना का शुभारंभ करेंगे। भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे।
इस आयोजन के बारे में सरकार की ओर से शिवप्रसन्न शुक्ल ने बताया कि साइबर तहसील व्यवस्था प्रारंभ होने से प्रदेश में राजस्व प्रकरणों का निराकरण अत्यंत कम समय में हो जाएगा। भू अभिलेखों में अमल के बाद भू-अभिलेखों एवं आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि संबंधित पक्षकार को मिल सकेगी। अब अनावश्यक रूप से लंबित रहने वाले प्रकरणों का तकनीकी सहायता से कम समय में गुणवत्तापूर्ण निराकरण हो सकेगा। साइबर तहसीलों में औसत 15 से 17 दिनों का समय लग रहा है, जो मैन्युअल प्रक्रिया में लगने वाले 60 दिनों की तुलना में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 15 दिन की समय सीमा में बिना आवेदन दिए, पेपरलेस और ऑनलाइन नामांतरण तथा भू अभिलेख अद्यतन करने के लिए साइबर तहसील स्थापित की गई है।
इस प्रकार संपूर्ण खसरा के क्रय विक्रय से संबंधित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण साइबर तहसीलों से किया जा सकता है। अब ऐसे प्रकरणों में त्वरित नामांतरण के अलावा भू-अभिलेख अपडेट होगा। तहसील स्तर पर अविवादित प्रकरणों के निराकरण का भार कम होगा। साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील के प्रावधान किए गए हैं। अब साइबर तहसील की व्यवस्था सभी जिलों में लागू हो रही है।