हाईकोर्ट का न्याय: न्यायालय के खिलाफ टिप्पणी करने वाले को हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा…

कहा 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपें

Update: 2024-12-04 06:47 GMT

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अनोखा फैसला सुनाया है कोर्ट ने आरोपित युवक को दोषी करार देते हुए 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपने की सजा सुनाई है। इसके लिए 15 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है, यह अनोखा फैसला हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनाया है।

पीठ ने एक आपराधिक अवमानना के प्रकरण में आरोपित युवक को दोषी पाया। इसी के साथ 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपने की सजा सुना दी। इसके लिए 15 दिन की समय-सीमा निर्धारित की है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरोपित को बताएंगे कि वो कहां पर किस प्रजाति के पौधे लगा सकता है, साथ ही युवक को चेतावनी दी कि वह भविष्य में ऐसी गलती न दोहराए।

यह मामला मुरैना जिले के संबलगढ़ न्यायालय द्वारा भेजे गए पत्र से संबंधित था, जिसमें अवगत कराया गया था कि राजस्थान के जयपुर के त्रिवेणी नगर निवासी आरोपित राहुल साहू के खिलाफ प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार के न्यायालय में भरण-पोषण का मामला विचाराधीन था।

उसकी पत्नी पूजा राठौर प्रतिवादी है। सात मई, 2024 को पूजा ने न्यायालय को सूचित किया कि राहुल ने उसके और न्यायालय के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर अपलोड की है, पूजा ने उस पोस्ट का साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किया। 

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