वेटलिफ्टिंग में UP की बेटी का दम: प्रदेश में खुशी की लहर! पूर्णिमा पाण्डेय ने जीता रजत पदक

Update: 2025-02-04 08:28 GMT

पूर्णिमा पाण्डेय ने जीता रजत पदक

38वां राष्ट्रीय खेल 2025 : उत्तराखंड में जारी 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में उत्तर प्रदेश को एक और सफलता मिली है। वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में पूर्णिमा पांडेय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। देहरादून में आयोजित इस स्पर्धा में उन्होंने महिला 87 किग्रा+ भार वर्ग में कुल 216 किलोग्राम भार उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि ने उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है।

 पंजाब की महक शर्मा का नया रिकॉर्ड

उत्तराखंड में जारी 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में वेटलिफ्टिंग स्पर्धा के महिला 87 किग्रा+ भार वर्ग में इस बार उत्तर प्रदेश की पूर्णिमा पांडेय को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इससे पहले उन्होंने 36वें राष्ट्रीय खेल (गोवा) में स्वर्ण पदक जीता था।

इस बार स्वर्ण पदक पंजाब की महक शर्मा के नाम रहा जिन्होंने 247 किलोग्राम भार उठाकर नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने अपने ही पिछले 244 किग्रा के रिकॉर्ड को 3 किलोग्राम से बेहतर किया। वहीं कांस्य पदक आंध्र प्रदेश की सत्य ज्योति ने जीता जिन्होंने 201 किलोग्राम भार उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया।

पदक तालिका में उत्तर प्रदेश की स्थिति मजबूत

उत्तर प्रदेश ने 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। इस पदक के साथ राज्य के कुल पदकों की संख्या 16 हो गई है, जिसमें 6 स्वर्ण, 5 रजत और 5 कांस्य पदक शामिल हैं। इस मजबूत प्रदर्शन के चलते उत्तर प्रदेश पदक तालिका में 10वें स्थान पर पहुंच गया है।

वेटलिफ्टिंग के बाद तीरंदाजी में भी उत्तर प्रदेश के दो पदक तय

उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा है। वेटलिफ्टिंग के अलावा, तीरंदाजी में भी दो पदक पक्के हो गए हैं। रिकर्व टीम इवेंट में रोहित, नीरज चौहान, अमन सिंह यादव और मृणाल चौहान की टीम फाइनल में पहुंचकर पदक सुनिश्चित कर चुकी है। वहीं भारतीय स्टाइल तीरंदाजी में शुभम, जयदीप कुशवाहा, मनीष और अभिषेक की टीम भी फाइनल में जगह बना चुकी है जिससे एक और पदक की उम्मीद बढ़ गई है।

उत्तर प्रदेश के एथलीटों का शानदार प्रदर्शन जारी है। वहीं आने वाले दिनों में पदकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। यह सफलता न केवल खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है बल्कि राज्य के खेल विकास कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को भी दर्शाती है। उम्मीद है कि ये एथलीट आगे भी इसी जोश और जज़्बे के साथ देश और प्रदेश का नाम रोशन करते रहेंगे।

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