उच्च न्यायालय के निशाने पर मप्र के अवज्ञाकारी अधिकारी: अवमानना करने पर जिलाधीश से लेकर प्रमुख सचिव तक के लिए जारी किया वारंट…
विशेष संवाददाता, भोपाल। यूं तो सरकार में कुछ अधिकारियों के अड़ियल रवैए और नाफरमानी के चर्चे हमेशा सड़क से लेकर सदन तक होते रहे हैं, लेकिन जिस तरह से उच्च न्यायालय अवमानना के मामलों में जुर्माना लगाने से लेकर गिरफ्तारी वारंट तक जारी करने के फैसले ले रहा है, उससे प्रदेश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
हाल ही में मप्र उच्च न्यायालय ने जिलाधीशों से लेकर सचिव, प्रमुख सचिव एवं पुलिस मुख्यालय तक को अवमानना के अलग-अलग मामलों में नोटिस जारी किए हैं। इनमें से ग्वालियर, भिंड, उमरिया जिलाधीश एवं शहडोल संभागायुक्त की कार्यप्रणाली पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से लेकर जुर्माना तक लगाया गया है।
आयुक्त के खिलाफ 10 हजार का जमानती वारंट
मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने आदेश की अवहेलना पर लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता के खिलाफ 10 हजार का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। 23 मार्च को उन्हें पालन रिपोर्ट के साथ हाजिर होना पड़ेगा। युगलपीठ द्वारा अक्टूबर 2024 में शिक्षकों को लेकर दिए गए आदेश का आयुक्त ने पालन नहीं किया।
भोपाल जिलाधीश का गिरफ्तारी वारंट
जस्टिस एके सिंह की अदालत ने रेरा द्वारा 2020 में दिए गए आरआरसी केस का निराकरण नहीं करने पर भोपाल जिलाधीश कौशलेंद्र विक्रम सिंह का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब जिलाधीश को 12 मार्च को व्यक्तिगत रूप से न्याायालय में उपस्थित होना पड़ेगा।
ग्वालियर जिलाधीश पर टिप्पणी
लोनिवि के कर्मचारी रामकुमार गुप्ता से जुड़े प्रकरण में उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने आदेश का पालन नहीं करने पर ग्वालियर जिलाधीश श्रीमती रुचिका चौहान को फटकार लगाई। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अधिकारी ऑफिस में बैठकर शेर समझते हैं। 11 मार्च को सुनवाई में उपस्थित होना पड़ेगा।
पीएचई के प्रमुख सचिव को नोटिस
ग्वालियर खंडपीठ ने पीएचई के कर्मचारी से जुड़े प्रकरण में 2020 में दिए आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख सचिव पी नरहरि को अवमानना का नोटिस भेजा है। भोपाल पुलिस अधीक्षक को नोटिस तामील कर 21 मार्च की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित कराने के आदेश दिए हैं।
उमरिया जिलाधीश पर 25 हजार जुर्माना
जबलपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने महिला को जिलाबदर करने पर उमरिया जिलाधीश पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि शहडोल संभागायुक्त सुरभि गुप्ता पर ट्रिप्पणी करते हुए उन्हें डाककर्मी बताया है। न्यायालय ने जिलाबदर का आदेश निरस्त कर दिया है।
टीआई की करतूत पर डीजीपी को नोटिस
उच्च न्यायालय ने नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा टीआई द्वारा फायनेंस कंपनी के एजेंट की तरह काम करने पर पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया। 11 मार्च को सुनवाई में जवाब तलब किया है। एक अन्य दूसरे मामले में मुख्य न्यायाधीश सुरेश कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने डीजे पर प्रतिबंध को लेकर भी पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को नोटिस जारी कर पूछा कि आखिर कब तक तेज आवाज वाले डीजे पर प्रतिबंध लगेगा।
भिंड जिलाधीश को फटकार
ग्वालियर खंडपीठ ने लोनिवि से जुड़े मामले में भिंड जिलाधीश संजीव श्रीवास्तव को फटकार लगाई है। न्यायालय ने कहा कि जिलाधीश ने पिछले मामलों से सीख नहीं ली।