बिलासपुर/स्वदेश वेब डेस्क। समाजसेवी और पद्मश्री दामोदर गणेश बापट का शुक्रवार देर रात निधन हो गया, वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे उनका अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। उन्होंने देहदान का संकल्प लिया था। अंतिम दर्शन हेतु पार्थिव शरीर भारतीय कुष्ठ निवारक संघ, कात्रे नगर, चाम्पा ले जाया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाज सेवी दामोदर गणेश बापट को पद्मश्री से सम्मानित किया था। बापट मूलतः ग्राम पथरोट, जिला अमरावती (महाराष्ट्र) के हैं। नागपुर से बीए व बीकाॅम की पढ़ाई पूरी की।
आपको बताते जाए कि वरिष्ठ समाज सेवी दामोदर गणेश बापट को पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया था। चांपा शहर से आठ किलोमीटर दूर ग्राम सोठी में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ द्वारा संचालित आश्रम में कुष्ठ पीड़ितों की सेवा के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। इस कुष्ठ आश्रम की स्थापना सन 1962 में कुष्ठ पीड़ित सदाशिवराव गोविंदराव कात्रे द्वारा की गई थी, जहां वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता बापट सन 1972 में पहुंचे और कुष्ठ पीड़ितों के इलाज और उनके सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए सेवा के अनेक प्रकल्पों की शुरूआत की। कुष्ठ रोग के प्रति लोगो को जागृत करने के अलावा कुष्ठ रोगियों की सेवा सुश्रुषा व आर्थिक व्यवस्था करने का कार्य प्रमुख रूप से दामोदर बापट ने किया है।