रांची। झारखंड के नये राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को राज्य के 10वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि रंजन ने नए राज्यपाल को राजभवन के बिरसा मंडप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इससे पहले रमेश बैस ने राजभवन में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अपराह्न 1:51 बजे रमेश बैस शपथ ग्रहण के लिए मंच पर पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके मंत्रिमंडल के मंत्री और शासन-प्रशासन के अधिकारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। साथ ही राज्यपाल रमेश बैस के परिवार के लोग भी उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ के रायपुर से सात बार सांसद रहे रमेश बैस झारखंड के 10वें राज्यपाल बने। रमेश बैस मंगलवार को रांची पहुंचे थे।
1989 में पहली बार बने सांसद -
रायपुर में 02 अगस्त, 1947 को जन्मे रमेश बैस 1989 में पहली बार सांसद बने। तब से वे लगातार 2019 तक रायपुर का प्रतिनिधित्व करते रहे। अटल विहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री भी थे। वे लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक भी रहे। भाजपा ने 70 वर्ष से अधिक उम्र हो जाने के आधार पर 2019 में लोकसभा के लिए टिकट नहीं दिया था लेकिन इनकी प्रतिबद्धता के मद्देनजर जुलाई 2019 में त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। अब इन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है।
रमेश बैस कभी चुनाव नहीं हारे -
रमेश बैस कभी चुनाव नहीं हारे। लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद माना जा रहा था कि उन्हें किनारे कर दिया गया है लेकिन चुनाव के बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। रमेश बैस लाल कृष्ण आडवाणी के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के भी करीबी थे। सुषमा स्वराज से उनके पारिवारिक संबंध रहे। सुषमा स्वराज रमेश बैस को भाई मानतीं थीं।