कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) ने राज्य में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त विशेष पर्यवेक्षक अजय वी. नायक को हटाने की मांग की है। इस संबंध में पार्टी ने शनिवार रात मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखी है।
दरअसल, विशेष पर्यवेक्षक अजय वी नायक ने शनिवार शाम पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि आज बंगाल में जो राजनीतिक हालात हैं, वह 15 साल पहले बिहार में थे। लोगों ने राज्य पुलिस पर पूरी तरह से विश्वास खो दिया है। अधिक से अधिक मतदान केन्द्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा था कि 15 साल पहले बिहार में भी यही स्थिति थी। लोगों ने मिलजुल कर हालात को बदला। बंगाल के लोग भी समझदार हैं। निश्चित तौर पर हालात को बदलेंगे।
नायक के इस बयान को लेकर टीएमसी ने शनिवार देर रात भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नाम एक चिट्ठी लिखी है। पार्टी का दावा किया है कि अजय नायक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं। चिट्ठी में साफ किया है कि पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के कहने पर नायक राज्य के बारे में सारी बातें कह रहे हैं ताकि यहां के मतदाता डर जाएं।
पार्टी की ओर से लिखी गई चिट्ठी में यह भी दावा किया गया है कि नायक आएसएस से जुड़े रहे हैं। संविधान के नियमों का हवाला देते हुए पार्टी ने कहा कि नायक की नियुक्ति पहले से ही असंवैधानिक है। संवैधानिक नियमों के मुताबिक कोई भी सेवारत आईएएस अधिकारी ही चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है जबकि अजय नायक सेवानिवृत्त हैं। ऐसे में उन्हें चुनाव पर्यवेक्षक बनाना ही असंवैधानिक है। उन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए।